बीजेपी नेता किरण बेदी अपने इस रुख पर कायम रहीं कि जितने दिन उन्हें मिले उन्होंने अपनी जान लगा दी. जो परिस्थितियां थीं उसके बावजूद उन्होंने जो प्रयास किए उसको देखते हुए विधानसभा चुनाव में उनकी हार नहीं हुई है.
उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब राज्य बीजेपी नेताओं का एक वर्ग यह कह रहा है कि चुनाव से सिर्फ तीन हफ्ते पहले पूर्व आईपीएस अधिकारी को पार्टी में शामिल करना गलत कदम था. स्वच्छ भारत चेकलिस्ट पुस्तक की वह पवन चौधरी के साथ सह लेखक हैं.
इस पुस्तक के विमोचन के दौरान उन्होंने
कहा, 'वह मेरी स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी. मेरे ख्याल से मैं नहीं हारी. परिस्थितियों, संसाधन, क्षमता के मद्देनजर मैंने सब कुछ दिया. लिहाजा मैं क्यों कहूंगी कि मेरी हार हुई.'
पुस्तक के विषय पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत का संदेश नीचे तक नहीं पहुंचा.
- इनपुट भाषा