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'यह एक्ट ऑफ गॉड...', RAU'S IAS कोचिंग हादसे के आरोपियों की कोर्ट में दलील

ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे में गिरफ्तार चार आरोपियों ने कोर्ट में दलील दी है कि यह हादसा एक दैवीय कृत्य था और इसे टाला जा सकता था, यदि नागरिक एजेंसियां ​​अपने कर्तव्यों का पालन करतीं, जिसे करने में वे बुरी तरह विफल रही हैं.

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 दिल्ली कोचिंग हादसे में बिल्डिंग के चार सह-मालिकों ने अदालत में कहा कि यह घटना 'एक्ट ऑफ गॉड' था. (PTI Photo)
दिल्ली कोचिंग हादसे में बिल्डिंग के चार सह-मालिकों ने अदालत में कहा कि यह घटना 'एक्ट ऑफ गॉड' था. (PTI Photo)

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में स्थित जिस RAU'S IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पिछले महीने तीन यूपीएससी अभ्यर्थियों की डूबकर मौत हो गई थी, उसके जेल में बंद चार सह-मालिकों ने शुक्रवार को अदालत में कहा कि यह घटना 'एक्ट ऑफ गॉड' (भगवान का कृत्य) था, जिसे टाला जा सकता था यदि सिविक एजेंसियां ​​अपने कर्तव्यों का पालन करतीं. आरोपी- परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सर्बजीत सिंह ने मामले में जमानत की मांग करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना के समक्ष यह दलील दी.

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चारों आरोपियों के वकील ने न्यायाधीश से कहा, 'यह दैवीय कृत्य था जो हुआ और इसे टाला जा सकता था यदि नागरिक एजेंसियां ​​अपने कर्तव्यों का पालन करतीं, जिसे करने में वे बुरी तरह विफल रही हैं.' आरोपियों के वकील ने कोर्ट से कहा कि बिल्डिंग के बेसमेंट में कोई लाइब्रेरी नहीं चलती थी, बल्कि इसे क्लास शुरू होने से पहले छात्रों के लिए वेटिंग एरिया के रूप में उपयोग किया जा रहा था. छात्र यहां जा सकते थे और बैठ सकते थे और सेल्फ स्टडी कर सकते थे. लीज डीड में लाइब्रेरी के बारे में बात नहीं की गई है, लेकिन इसमें कहा गया है कि इसका उपयोग कोचिंग उद्देश्य के लिए किया जाना था.'

फायर डिपार्टमेंट ने बिल्डिंग को दी थी NOC

वकील ने दावा किया कि घटना होने से कुछ दिन पहले बिल्डिंग परिसर का फायर डिपार्टमेंट ने निरीक्षण किया था. उन्होंने दावा किया कि निरीक्षण के बाद अग्निशमन विभाग द्वारा दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि बेसमेंट का उपयोग स्टोरेज के उद्देश्य से किया जा रहा था और इमारत एक शैक्षिक केंद्र चलाने के लिए सुरक्षित और उपयुक्त थी. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा लगाने के लिए जानबूझ कर अपराध करने का इरादा भी होना चाहिए. 

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आरोपी भागे नहीं, खुद पुलिस के पास पहुंचे थे

आरोपियों के वकील ने कहा, 'इस मामले में जानबूझ कर अपराध करने का इरादा कहां साबित होता है? क्या बिल्डिंग मालिकों ने यह सोचकर प्रॉपर्टी कोचिंग सेंटर को रेंट पर दी थी कि वे एक बेसमेंट बनाएंगे और एक दिन जब बारिश होगी तो इसमें डूबकर लोगों की मौत हो जाएगी. गैर इरादतन हत्या की धारा लगाने के लिए कोई नजदीकी लिंक तो होना ही चाहिए.' वकील ने जज के सामने तर्क दिया कि चारों आरोपी गिरफ्तारी से नहीं बचे और घटना के बारे में पता चलने के बाद वे खुद ही पुलिस स्टेशन गए थे. 

सीबीआई कर है रही कोचिंग हादसे की जांच

न्यायाधीश ने मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की है. बचाव पक्ष के वकील अगली सुनवाई के दौरान भी अपनी दलीलें जारी रखेंगे. यह सुनिश्चित करने के लिए कि जनता को जांच पर कोई संदेह न हो, दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में हुई मौतों की जांच पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी थी. बता दें कि 27 जुलाई, 2024 की शाम दिल्ली में बारिश के बाद ओल्ड राजेंद्र नगर स्थि​त RAU'S IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से दो छात्राओं और एक छात्र की डूबकर मौत हो गई थी. कोचिंग संचालकों पर बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाने का आरोप है.

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