तीन अफसरों को सस्पेंड किए जाने के मामले में दिल्ली सरकार बचाव की मुद्रा में नजर आई, तो दलील भी दिलचस्प दी. मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जो अफसर उन्हें मिले हैं, उन्हीं के साथ काम करना है. अब कौन भ्रष्टाचार कर रहा है और गलत कामों में लिप्त है, इसका उन्हें क्या पता. उन्होंने कहा कि अगर कोई भ्रष्ट है, तो उसे सस्पेंड ही क्यों किया जाए, उसे तो जेल भेजना चाहिए.
अपनी ही सरकार के अफसरों को सस्पेंड करने के मामले में उनकी दलील दिलचस्प रही, जैन के मुताबिक जिस मामले में अफसरों को सस्पेंड किया गया है, वो 2002 का है और इस समय तो हम राजनीति के बारे में सोचते भी नहीं थे. लेकिन इस सवाल का मंत्री जी के पास जवाब नहीं था कि अगर अफसरों पर भ्रष्टाचार का मामला चल रहा था, तो उन्हें अहम जिम्मेदारियां दी क्यों गई? क्योंकि इनमें से एक अफसर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का ओएएसडी भी रह चुका था.
हालांकि इस मामले पर उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कैमरे पर तो नहीं बोला, लेकिन उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए इतना जरूर कहा कि सस्पेंड किए गए अफसर को उनका ओएसडी प्रचारित किया गया, जबकि बहुत पहले ही उसे इस पद से हटा दिया गया था. उन्होंने दावा भी किया कि मामले की जांच भी उन्होंने ही शुरू करवाई थी. गौरतलब है कि सोमवार को उपराज्यपाल नजीब जंग ने तीन दानिक्स अफसरों को सरकारी जमीन निजी लोगों के नाम करने के मामले में सस्पेंड किया था.