दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. शराब नीति घोटाला मामले में ED की टीम गुरुवार देर रात केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. ED के ज्वाइंट डायरेक्टर अपनी टीम के साथ खुद अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करने के लिए उनके घर पहुंचे थे. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. दरअसल, 2 नवंबर से 21 मार्च के बीच ED ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए 9 समन भेजे थे. लेकिन केजरीवाल ED के सामने पेश नहीं हो रहे थे. उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी, जिसमें मांग की गई थी कि अगर केजरीवाल पूछताछ के लिए ED के सामने पेश होते हैं तो उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा दी जाए. हालांकि हाईकोर्ट से केजरीवाल को राहत नहीं मिली.
कथित शराब नीति घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के दो नेता पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह पहले से ही जेल में बंद हैं. अब केजरीवाल भी गिरफ्तार हो गए हैं. इस बीच अब सवाल उठता है कि आम आदमी पार्टी का स्टार रणनीतिकार ही गिरफ्तार हो गया है तो अब पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव कैसे लड़ेगी और पार्टी का दिल्ली-पंजाब में क्या होगा.
लोकसभा चुनाव में कैसे होगी AAP की तैयारी?
दरअसल, केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब चुनावी अभियान की जिम्मेदारी पार्टी के बड़े चेहरे भगवंत मान, आतिशी, सौरभ भारद्वाज और राघव चड्डा पर आ गई. वहीं केजरीवाल की पत्नी भी मैदान में उतर सकती हैं. केजरीवाल पार्टी के चाणक्य कहे जाते हैं और अब उनकी ही गिरफ्तारी से AAP की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. जानकारों की मानें तो उक्त पार्टी नेताओं की कोशिश होगी कि जिस तरह से मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ्तारी को भुनाया गया था, ऐसे ही आगामी लोकसभा चुनाव में केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे को भी भुनाया जाए. आप की कोशिश होगी कि जनता के बीच पीड़ित बनकर सहानुभूति हासिल करें. यानी इसको भुनाकर पार्टी चुनावी फायदा लेने की कोशिश करेगी. हालांकि केजरीवाल की गिरफ्तारी से कितना फायदा पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिलेगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
क्या मुख्यमंत्री को गिरफ्तारी से छूट मिलती है?
संविधान के मुताबिक, देश के राष्ट्रपति और राज्य के राज्यपालों को नागरिक और आपराधिक, दोनों मुकदमों से राहत मिलती है. हालांकि, मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान इस छूट के दायरे में नहीं आते हैं. वर्तमान में पद पर आसीन किसी भी मुख्यमंत्री को पहले कभी गिरफ्तार नहीं किया गया है. चारा घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. लालू के सरेंडर करने से पहले उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. वहीं करीब 50 दिन पहले ही झारखंड में भी यही देखने को मिला था. ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले हेमंत सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह चंपई सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली.