दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी एक बार फिर बढ़ते दिख रही है. अब AAP ने LG वीके सक्सेना को चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. AAP की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि राजनीति करनी है, तो चुनाव लड़ो. उन्होंने कहा कि एलजी साहब, हम जानते हैं कि आप अरविंद केजरीवाल से नफरत करते हैं. हम जानते हैं कि आप केजरीवाल सरकार से नफरत करते हैं, लेकिन दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों और उनके अभिभावकों से नफरत क्यों?
आतिशी ने आगे कहा- एलजी सक्सेना ने सीएम केजरीवाल को लिखे अपने पत्र में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नामांकन में गिरावट का दावा करने के लिए फर्जी नंबरों का इस्तेमाल किया है. वह अपने आधिकारिक पत्र पर झूठ बोल रहे हैं जिस पर राष्ट्रीय प्रतीक है. AAP सरकार के दौरान दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ा है. आतिशी ने उपराज्यपाल सक्सेना को सिसोदिया का पत्र भी दिखाया और फिर चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली.
AAP सरकार ने शिक्षकों को फिनलैंड भेजने का फिर प्रस्ताव भेजा
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को घेरा था. उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति देने के लिए उपराज्यपाल को एक प्रस्ताव "फिर से" भेजा है. इसमें सभी बातों का उल्लेख कर दिया गया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कथित तौर पर पहले इसी तरह के एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उन्होंने दिल्ली सरकार को पूरी जानकारी देने के लिए कहा था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उम्मीद जताई कि कार्यक्रम के लिए शिक्षकों को विदेश जाने की अनुमति मिल जाएगी.
AAP सरकार में शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने ट्वीट में कहा- दिल्ली सरकार के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने का प्रस्ताव फिर से एलजी को भेजा गया है. पहले के प्रस्ताव को वापस करते हुए सक्सेना ने आप सरकार से कार्यक्रम की लागत-लाभ विश्लेषण करने को कहा था. दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने दावा किया कि सक्सेना ने चुनी हुई सरकार की मंजूरी के बावजूद फाइल पर आपत्ति जताकर फिनलैंड स्थित प्रशिक्षण को दो बार रोका था. आतिशी के नेतृत्व में आप के सदस्यों ने इस मुद्दे को लेकर पिछले सप्ताह उपराज्यपाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था.
कई मुद्दों पर केजरीवाल सरकार और सक्सेना के बीच बढ़ते तनाव के बीच ताजा प्रस्ताव भेजा गया है. इस बार पेश प्रस्ताव में सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने लागत-लाभ विश्लेषण सहित सभी पहलुओं से प्रस्ताव की जांच की और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए इसे आवश्यक पाया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने अपने शिक्षकों को विदेश भेजने का फैसला किया है तो एलजी बार-बार हल्की-फुल्की आपत्तियां उठाकर इसे कैसे रोक सकते हैं? यह लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है कि एक अनिर्वाचित व्यक्ति लगभग हर फैसले को बदल रहा है.