दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टैक्सी ड्राइवरों का डी एडिक्शन किया जा रहा है. इस प्रक्रिया के तहत ड्राइवरों की शराब और पोनोग्राफी की लत को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. ये मुहिम 1 साल तक चलेगी अैर फिर क्राइम में कितना फर्क आया ये देख जाएगा. ये मुहिम मुसाफिरों की सुरक्षा के मद्देनजर चलाई जा रही है.
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस थाने में टैक्सी ड्राइवरों को बताया जा रहा है कि उन्हें सवारियों से कैसा बर्ताव करना है. ड्राइविंग के वक़्त शराब से दूर रहना है. रिस्पॉन्सिबल ड्रिंकिंग क्या होती है और पोनोग्राफी से दूर कैसे रहा जा सकता है. दिल्ली पुलिस ये कदम इसलिए उठा रही है, क्योंकि टैक्सी ड्राइवर सबसे ज्यादा अपराध शराब के नशे में करते हैं.
डीसीपी एअरपोर्ट संजय भाटिया ने बताया, ''सबसे पहले मुसाफिर आकर लास्ट मील कनेक्टिविटी के लिए एयरपोर्ट पर टैक्सी ड्राइवर से मिलते हैं. उससे एक छवि भी बनती है. हम ये स्टडी करेंगे की इस प्रोग्राम से उनके बर्ताव में कितना फर्क आया है.
पुलिस के मुताबिक, रोज़ाना अलग-अलग बैच में टैक्सी ड्राइवरों की कॉउंसलिंग और डी एडिक्शन कराया जा रहा है. ये मुहिम 1 साल तक चलेगी, जिसमें एयरपोर्ट से टैक्सी चलाने वाले करीब 5000 टैक्सी ड्राइवर हिस्सा लेंगे. कई टैक्सी ड्राइवर इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अपनी बुरी लत छोड़ चुके हैं और इस मुहिम को सही ठहरा रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक आईजीआई एयरपोर्ट से हर रोज़ करीब 1 लाख लोग सफर करते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी भी होते हैं. उनकी सुरक्षा के लिए ये कदम बेहद जरूरी है, क्योंकि अक्सर टैक्सी ड्राइवरों के बुरे बर्ताव की शिकायतें आती हैं.