राजधानी दिल्ली में नेशनल मेडिकल कमिशन बिल के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का हड़ताल बेअसर रहा. दिल्ली के सरकारी से लेकर प्राइवेट तक लगभग सभी नामी गिरामी अस्पतालों में मंगलवार को ओपीडी में मरीजों का इलाज हुआ. FORDA ने IMA को समर्थन देते हुए हाथ पर काली पट्टी बांध कर ओपीडी में काम किया. दरअसल नेशनल मेडिकल कमिशन बिल पर मंगलवार को संसद में बहस हुई. इंडियन मेडिकल काउंसिल को नेशनल मेडिकल कमिशन बिल 2017 के प्रावधानों से एतराज है.
नए बिल के प्रावधान:
1. अब तक प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15% सीटों का फीस मैनेजमेंट तय करती थी. अब नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट को 60% सीटों की फीस तय करने का अधिकार होगा.
2. पहले 130 सदस्य होते थे और हर राज्य का तीन प्रतिनिधि होता था. अब नए बिल के मुताबिक कुल 25 सदस्य होंगे, जिसमें 36 राज्यों में से केवल 5 प्रतानिधि ही होंगे.
3. आयुष को ब्रिज कोर्स करवाकर इंडियन मेडिकल रजिस्टर में शामिल करने का प्रावधान है, जो एमबीबीएस के लगभग बराबर होगा.
4. एमबीबीएस के बाद भी प्रैक्टिस करने के लिए एक और एग्जाम देना होगा.
5. वहीं पहले ये एग्जाम विदेश से एमबीबीएस करने वालों को देने होते थे. अब नए बिल में उनको इस एग्जाम से छूट है.
IMA ने की थी ओपीडी का काम ठप करने की अपील
इस बिल के विरोध में मंगलवार को आइएमए ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया था. IMA ने डॉक्टरों से अपील की थी कि सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालों के ओपीडी ठप रहेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इक्का-दुक्का अस्पतालों को छोड़ दें तो केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों ही अस्पतालों में मरीजों की भीड़ ओपीडी में दिखाई दी. डॉक्टर मरीजों की जांच करने में जुटे थे. नए रेजिस्ट्रेशन भी हुए. LNJP अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे शाकिब ने बताया की बिना किसी परेशानी के ओपीडी में डॉक्टर इलाज कर रहे हैं.
LNJP अस्पताल में चली ओपीडी
LNJP अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेड जेसी पासे के मुताबिक़ अस्पताल में ओपीडी चल रही है. सभी मरीजों को ना सिर्फ इलाज और दवाएं मिल रही हैं बल्कि अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की तदाद बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि अगर प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी ठप हुई तो इसका बोझ सरकारी अस्पताल पर ही पड़ेगा. यही हाल जीबी पंत हॉस्पिटल का भी था.
दिल्ली के निजी अस्पतालों पर असर नहीं
केंद्र सरकार के अस्पतालों में भी ओपीडी सामान्य रूप से चल रही थी. वहीं दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में भी हड़ताल का असर नहीं दिखाई पड़ा. गंगाराम अस्पताल, मैक्स अस्पताल, अपोलो अस्पताल, बीएल कपूर अस्पताल में ओपीडी चालू थी.
बदलाव नहीं हुआ तो हड़ताल पर जाएंगे रेजीडेंट डॉक्टर
जहां ज्यादातर अस्पतालों में सामान्य दिनों की तरह कामकाज नजर आया. वहीं रेजीडेंट डॉक्टरों ने IMA के समर्थन में अपने हाथ पर काली पट्टी बांधी और कहा कि मरीजों का इलाज उनकी प्राथमिकता है, इसीलिए वो इस बार सरकार को चेतावनी देते हुए काली पट्टी बांध कर काम कर रहे हैं, लेकिन अगर नेशनल मेडिकल कमीशन बिल में बदलाव नहीं हुआ तो फिर हड़ताल पर जाने को भी तैयार हैं.