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मॉनसून विदाई से पहले जमकर बरस रहा है. राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाके भी रातभर की बारिश में भीगी हुई है और रुक-रुककर बारिश का सिलसिला जारी है. तेज बारिश के चलते जगह-जगह जलभराव की समस्या भी पैदा हो गई है. मौसम विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों के लिए पहले ही आज और कल यानी 13 सितंबर तक के लिए येलो अलर्ट जारी किया हुआ है. ऐसे में लोगों को बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है.
हालांकि दिल्ली-NCR में बारिश से मौसम खुशनुमा हो गया है लेकिन बारिश की वजह से दिल्ली के कई इलाकों में में जलभराव की स्थिति है, साउथ एक्सटेंशन में वॉटर लॉगिंग से वाहनों की रफ्तार थमने से यातायात प्रभावित है. मिंटो रोड पर भी पानी जमा हो गया है और कई इलाकों के अंडर पास बारिश के पानी से प्रभावित हैं. IMD की मानें तो मॉनसून ट्रफ की वजह से 13 सितंबर तक दिल्ली-एनसीआर में बारिश का येलो अलर्ट है. 14 सितंबर से बारिश कम होगी. वहीं, 15 और 17 सितंबर के बीच इसमें और कमी आएगी.
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इसी बीच मानसून की विदाई की तारीख भी जल्द आने वाली है. स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 के बाद मॉनसून की विदाई की तारीख में बदलाव किया गया है. अब राजस्थान के पश्चिमी इलाकों में मॉनसून की विदाई की तारीख 17 सितंबर है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में मानसून की वापसी में देरी देखी गई है. साल 2017 से 2022 के बीच 20 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच हुई है. साल 2023 में उत्तर भारत से 25 सितंबर को मॉनसून की वापसी हुई. दिल्ली से मॉनसूनी की वापसी की तय तारीख 2 सिंतबर है जबकि पिछले साल यह विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई थी.
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मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में इस मॉनसून में अब तक 913.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 56 प्रतिशत अधिक है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के एक्सपर्ट महेश पलावत ने बताया कि इस साल दिल्ली में असामान्य रूप से अधिक संख्या में बारिश के दिन देखे गए हैं. जुलाई में शहर में कम दिन बारिश हुई लेकिन दो या तीन दिनों की भारी बारिश ने कुल बारिश में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसी प्रकार, अगस्त में बारिश वाले दिनों की संख्या अधिक रही, जिससे कुल मिलाकर बारिश में वृद्धि हुई.