दिल्ली में दो दिनों की बारिश ने सरकार, नगर निगम और अन्य विभागों की मानसून को लेकर की गईं तैयारियां की पोल खोलकर रख दी थी. जगह-जगह जलभराव देखने को मिला था, सड़कें तालाब बन गई थीं. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. सिविक एजेंसियों की परीक्षा की घड़ी आ गई है. उन्होंने अपनी फील्ड इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा है और जलभराव और अन्य शिकायतों के समाधान के लिए अतिरिक्त मैनपावर और मशीनरी तैनात की है.
मौसम विभाग ने मंगलवार तक भारी बारिश की आशंका जताई है. नागरिक एजेंसियों का कहना है कि अत्यधिक जलभराव से निपटने के लिए उनके पास प्लान तैयार है: मैनपावर और मशीनों की संख्या बढ़ाई गई है. राष्ट्रीय राजधानी में 28 जून की सुबह मानसून के पहले दिन 228.1 मिमी बारिश हुई, जो 1936 के बाद जून महीने में सबसे अधिक बारिश थी. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) के एक अधिकारी ने कहा कि सिविक बॉडी ने जलभराव की शिकायतों से निपटने के लिए मैनपावर की तैनाती बढ़ा दी है और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से लुटियंस दिल्ली के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों की निगरानी कर रही है.
NDMC ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कीं
लुटियंस दिल्ली के पॉश इलाके में 28 जून की बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति देखने को मिली थी. कई सांसदों के बंगलों में पानी घुस गया था. एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि गोल्फ लिंक और भारती नगर में चार अतिरिक्त पंप स्टैंडबाय में रखे गए हैं, जहां मानसून की पहली बारिश में अत्यधिक जलभराव हुआ था. व्हीकल माउंटेड तीन सुपर सक्शन मशीनें संवेदनशील इलाकों में गश्त करती रहेंगी. एनडीएमसी ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.
सतीश उपाध्याय ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'प्रत्येक संवेदनशील क्षेत्र को एक सुपरिटेंडिंग इंजीनियर के अधीन रखा गया है, जिनके पास किसी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त कर्मचारी होंगे. एनडीएमसी सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल रूम सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से सभी संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी करेगा'. एनडीएमसी के अनुसार, जलभराव की स्थिति आने के साथ ही समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित करने के लिए सुपरिटेंडिंग इंजीनियर संवेदनशील इलाकों की निगरानी कर रहे हैं.
दिल्ली नगर निगम की फील्ड इकाइयों हाई अलर्ट पर
दिल्ली नगर निगम (MCD) ने ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी फील्ड इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा है. नगर निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनका सेंट्रल कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम कर रहा है और दावा किया कि नालों से गाद निकालने का काम पूरा हो चुका है. अधिकारी ने कहा, मोबाइल पंप, सुपर सकर मशीनें, अर्थ मूवर्स और अन्य मशीनें विभिन्न स्थानों पर तैनात की गई हैं, जहां एमसीडी के समर्पित 24x7 जोनल नियंत्रण कक्षों के माध्यम से जलभराव की सूचना मिली थी.
MCD का दावा- अतिरिक्त मशीनें और मैनपावर तैनात
एमसीडी के अधिकारी ने कहा, 'कुल मिलाकर, 72 स्थायी पंपिंग स्टेशन आवश्यकता के अनुसार काम कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त, जलभराव को दूर करने के लिए विभिन्न क्षमताओं के 465 मोबाइल/सबमर्सिबल पंप उपलब्ध कराए गए हैं. पानी की त्वरित और निरंतर निकासी के लिए मशीनों के साथ-साथ मैनपावर भी तैनात किया गया है. मानसून एक्शन प्लान के हिस्से के रूप में, सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं और स्थिति से निपटने के लिए फील्ड इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार सभी जलजमाव वाले स्थानों से पानी को पंप के जरिए बाहर निकाल दिया गया है.