28 जून 2024 को देश की राजधानी दिल्ली में इतनी बारिश हुई कि 88 साल का रिकॉर्ड टूट गया था और उसके बाद एक बार फिर बारिश गायब है. ये बारिश इतनी थी कि जगह-जगह भरे पानी में डूबने से कई लोगों की जान तक चली गई. भयंकर बारिश के बाद ये सवाल उठने लगे थे कि आखिर दिल्ली में 28 जून को क्या हुआ था?
माना जा रहा था कि दिल्ली में 28 जून, 2024 को बादल फटने की घटना हुई, जिसकी वजह से रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई. हालांकि, अब मौसम विभाग (IMD) ने खुद बताया कि दिल्ली में उस दिन क्या स्थिति बनी थी.
मूसलाधार बारिश बादल फटने का नतीजा नहीं
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को स्पष्ट किया कि पिछले हफ्ते दिल्ली में हुई मूसलाधार बारिश बादल फटने का नतीजा नहीं थी. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि शहर के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने 28 जून को सुबह 5 बजे से 6 बजे के बीच 91 मिमी बारिश दर्ज की. इसी तरह, लोधी रोड मौसम स्टेशन पर सुबह 5 बजे से 6 बजे तक 64 मिमी और सुबह 6 बजे से 7 बजे तक 89 मिमी बारिश दर्ज की गई. महापात्र ने आगे कहा, "इस स्थिति को बादल फटना नहीं कह सकते, लेकिन यह बादल फटने के बहुत करीब था."
28 जून को भारी बारिश पर आईएमडी ने पहले कहा था कि कई बड़े पैमाने पर मॉनसूनी मौसम प्रणालियों ने दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की स्थितियां बनाईं, जिसके परिणामस्वरूप 28 जून के शुरुआती घंटों के दौरान तेज आंधी और भारी बारिश हुई. इस गतिविधि को वातावरण में थर्मोडायनामिक अस्थिरता बताया गया था, जो तूफान के लिए अनुकूल है.
सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक, 24 घंटों में 228.1 मिमी बारिश दर्ज की, जो जून की औसत बारिश 74.1 मिमी से तीन गुना थी और ये 1936 के बाद से 88 सालों में इस महीने की सबसे अधिक बारिश रही. बता दें कि आईएमडी के मानकों के मुताबिक, एक दिन में 124.5 और 244.4 मिमी के बीच होने वाली बारिश को बहुत भारी बारिश के रूप में परिभाषित करता है. इसके मुताबिक, 28 जून को हुई बारिश (228.1 मिमी) बहुत भारी बारिश के पैमाने से भी ज्यादा है.
क्या होता है बादल फटना?
मौसम विभाग के मुताबिक, किसी स्टेशन पर एक घंटे में 10 सेमी बारिश होती है, तो बादल फटना की घटना कहलाती है. बादल फटने का पैमाना मापने का समय बहुत छोटा होता है, जिसके चलते इसकी भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है.