बजट सत्र के पहले ही दिन मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला जब विपक्षी बीजेपी ने पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की कथित फर्जी डिग्री को लेकर आप सरकार पर निशाना साधने का प्रयास किया. वहीं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ललित मोदी मामले को लेकर बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर पलटवार किया.
बीजेपी विधायक ओपी शर्मा को सदन से बाहर कर दिया गया, जब उन्होंने कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश की और तोमर की डिग्री का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री के पास चले गए.
सदन की बैठक शुरू होते ही बीजेपी के तीनों विधायकों ने तोमर की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया और इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा कराए जाने की मांग की. विधानसभाध्यक्ष राम निवास गोयल ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया.
तोमर की कथित फर्जी डिग्री के मामले में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए केजरीवाल ने कहा कि त्रिनगर के विधायक को गिरफ्तार किए जाने के तुरंत बाद कैबिनेट से हटा दिया गया था. बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ललित मोदी मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है.
उन्होंने कहा कि वह महसूस करते हैं कि तोमर ने अपनी डिग्रियों को लेकर उन्हें अंधेरे में रखा . उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार में किसी के भी द्वारा की जाने वाली गड़बडी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
केजरीवाल ने कहा, 'हम स्वच्छ शासन देने के लिए सरकार में आए हैं. हम किसी गड़बडी को नहीं स्वीकार करेंगे. मेरा किसी विधायक या मंत्री के साथ कोई संबंध नहीं है. हमने उन्हें (तोमर को) तत्काल कैबिनेट से हटा दिया. अगर मीडिया में आ रही बातें सही हैं तो मैं समझता हूं कि मुझे अंधेरे में रखा गया.'
राजग सरकार पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि भारत में कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों से बच रहे पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी को कथित तौर पर मदद देने के लिए प्रधानमंत्री को सुषमा और राजे को हटाना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'जिस प्रकार हमने मामला सामने आने पर तोमर को हटाया, मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वह उन लोगों को भी उनके पदों से हटाएं और उनके खिलाफ जांच शुरू करें. जिस प्रकार मुझे अंधेरे में रखा गया, मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री को भी अंधेरे में रखा गया.'
सदन की बैठक शुरू होते ही बीजेपी द्वारा कार्यवाही को बाधित किए जाने पर बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. जब बैठक फिर शुरू हुई तो बीजेपी विधायक शर्मा ने कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया. वह पहले आसन के समीप आए और फिर केजरीवाल के पास गए और उन्हें रोकने की कोशिश की जो इस मुद्दे पर बयान दे रहे थे.
शर्मा ने जब केजरीवाल को रोकने की कोशिश की तो विधानसभाध्यक्ष गोयल ने मार्शल को बुला लिया. दिल्ली का बजट 25 जून को पेश किया जाएगा.