आम आदमी पार्टी के नेता जितेन्द्र सिंह तोमर के कथित फर्जी डिग्री मामले में पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इसके पीछे कोई संगठित गिरोह तो नहीं है. इस मामले में और साक्ष्य जुटाने के लिए तोमर को बुधवार को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद ले जाया गया.
दिल्ली पुलिस के आयुक्त बी एस बस्सी ने कहा, 'हमारी टीम अभी फैजाबाद पहुंची है. वहां हमारे जांच अधिकारी साक्ष्य जुटाने के लिए तोमर की मदद लेंगे और मौके पर जो भी अनुमोदन जरूरी होगा, किया जायेगा.'
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को अपनी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले तोमर ने दावा किया था कि उन्होंने आरएमएल अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद से बीएससी किया है. पुलिस उन्हें उस स्थान पर इसकी पुष्टि और पूछताछ के लिए ले गई है. पुलिस उन्हें बिहार के मुंगेर भी ले जा सकती है और ऐसी ही कवायद वहां भी दोहरायी जा सकती है. तोमर ने दावा किया था कि उन्होंने वीएनएसएल स्टडीज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की, जो तिलक मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध है.
जांचकर्ता अब इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि किन लोगों ने ये कथित फर्जी दस्तावेज तैयार किये और कहीं इसके पीछे कोई संगठित गिरोह तो नहीं है. बस्सी ने कहा, क्या उन्होंने इसे खुद तैयार किया अथवा इसे कहीं और से खरीदा. अगर इन्हें कहीं और से खरीदा गया, तब उन लोगों को घेरे में लेना जरूरी होगा, जिन्होंने ये दस्तावेज मुहैया कराये और अगर कोई गिरोह है तब किन अन्य लोगों को इस तरह के दस्तावेज मुहैया कराये गए.
त्रिनगर से विधायक 49 वर्षीय तोमर को मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. उन्हें एसीपी स्तर के पुलिस अधिकारी और सात अन्य पुलिसकर्मियों के साथ फैजाबाद ले जाया गया.
सूत्रों ने बताया कि इस सिलसिले में बिहार और उत्तर प्रदेश से और गिरफ्तारी होने की उम्मीद है. पुलिस प्रमुख ने कहा कि उनका अनुभव कहता है कि अगर कोई व्यक्ति ऐसे फर्जी दस्तावेज तैयार करता है, वह केवल एक व्यक्ति के इस्तेमाल के लिए ऐसा नहीं करता है और ऐसी डिग्रियां प्रदान करने के गिरोह हैं.
बस्सी ने कहा, इसलिए देश के शैक्षणिक स्तर को बनाये रखने के लिए हम ऐसे गिरोह चलाने वालों को गिरफ्तार करना चाहते हैं और उनके व्यापक पूछताछ करना चाहते हैं और उन सभी तक पहुंचना चाहते हैं जिन्हें इन लोगों ने ऐसे दस्तावेज मुहैया कराये होंगे और सभी पर मुकदमा चलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, हम सभी को पकड़ना चाहते हैं, चाहे वह कोई अन्य व्यक्ति हो या सरकारी अधिकारी.