जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में एक ऐसा उम्मीदवार भी है, जिसका नाम लेते वक्त किसी की भी जुबान लड़खड़ा जाए. दरअसल, जेएनयू के इतिहास में पहली बार कोई विदेशी छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए रेस में शामिल हुआ है. कजाकिस्तान के अक्हमेटबेखोव झासुलान सबसे कम उम्र के उम्मीदवार भी हैं.
झासुलान कजाकिस्तान की सेना में एक साल तक अपनी सेवा दे चुके हैं. उनके बड़े भाई ने उन्हें उच्च शिक्षा के लिए भारत जाने के लिए राजी कर लिया. जेएनयू में अर्थशास्त्र में एम. ए. कर रहे झासुलान कहते हैं, 'मेरे भाई ने जेएनयू के बारे में काफी-कुछ सुन रखा था. उन्होंने यह इच्छा जताई कि मैं यहां पढूं.'
इससे पहले झासुलान कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में अपने भाई और मां के साथ रहते थे. उन्होंने कजाक इकोनॉमिक यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया है.
झासुलान ने कहा, 'मैं जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव लड़कर यहां के विदेशी स्टूडेंट्स की समस्याओं की ओर ध्यान खींचना चाहता हूं.' उन्होंने कहा कि विदेशी छात्रों को जेएनयू के हॉस्टलों में जगह मिलने में परेशानी होती है. उन्होंने वादा किया कि अगर वे अध्यक्ष पद का चुनाव जीत जाते हैं, तो वे छात्रों के हित में काम करेंगे.