जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर राजनीतिक हवाएं तेज हो गई हैं. जेएनयू में पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने छात्र संगठन 'आईसा' के कार्यकर्ता पर रेप का आरोप लगाया है. मामला सामने आने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने वामपंथी दलों और विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
जेएनयू में एबीवीपी से संयुक्त सचिव का पद जीतने वाले सौरभ शर्मा ने 'आजतक' से कहा, 'ये जेएनयू में इस तरह की कोई पहली घटना नहीं है. 9 फरवरी को भी इन्होंने भारत की अस्मिता पर सवाल उठाया था और आज भारत की बेटी की अस्मिता पर सवाल उठा रहे हैं. यही लोग बेखौफ आजादी और महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन असल में क्या करते हैं ये पूरे देश को पता चल गया है.'
'प्रशासन में बैठा वामपंथी धड़ा कर रहा बचाव'
सौरभ ने जेएनयू प्रशासन और वामपंथी पक्ष के प्राध्यापकों पर आरोप लगाते हुए कहा, 'ये आरोपी अनमोल रतन हो, पुराने अध्यक्ष हों या इनके प्रोफेसर, सभी लगातार लड़कियों का अपमान करते आए हैं. लड़कियों के साथ रेप करते आए हैं. लेकिन बड़ा वामपंथी धड़ा जेएनयू प्रशासन में बैठा हुआ है और इनके छात्र संगठन के लोग रेप करते हैं तो प्रशासन के जरिये बचा लिए जाते हैं.'
जेंडर सेंसिटिव है जेएनयू का कैंपस
संयुक्त सचिव ने कहा कि सवाल जेएनयू प्रशासन पे खड़े होते हैं, जो इन्हें ऐसा करने के लिए भड़काते हैं. उन्होंने कहा, 'हमारा कैंपस जेंडर सेंसटिव है और हम जेंडर जस्टिस की बात करते हैं. लेकिन ये लोग ऐसे मामलों को सुलझाने की कोशिश करते हैं.'
'सबसे ज्यादा मामले वामपंथी दलों के'
छात्रा की शिकायत के बाद आईसा ने आरोपी छात्र अनमोल रतन को संगठन से बाहर का रास्ता तो दिखा दिया, लेकिन सौरभ शर्मा ने इस पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, 'उस लड़के को अपनी पार्टी से बायकॉट कर दिया, वो अलग बात है. लेकिन सबसे ज्यादा लड़कियों के साथ रेप हुआ है तो यही वामपंथी दल हैं. AISA के नेता हैं जो इस कैंपस में आजादी के नाम प र लड़कियों से रेप कर रहे हैं.'
'जेएनयू प्रशासन से करेंगे बात'
बहरहाल, पीएचडी छात्रा द्वारा एमफिल के छात्र पर रेप का आरोप लगाने के बाद जेएनयू एक बार फिर विवादों में है. सौरभ शर्मा ने जेएनयू प्रशासन से कैंपस में सख्त कानून लागू करने की अपील की है. सौरभ का कहना है, 'ये आखिरी घटना है इसके बाद कुछ होने नहीं देंगे. उसके लिए मैं जेएनयू प्रशासन से बात कर रहा हूं. चाहे सख्त कानून लागू करना पड़े. जेएनयू का देश ही नहीं दुनिया में बड़ा नाम है. यहां जो छात्रा पढ़ रही हैं, उनके माता-पिता से निवेदन करता हूं वो निश्चिन्त रहें, उनकी बेटियां सुरक्षित हैं.'