दिल्ली में वार्डों के परिसीमन के बाद अब पार्टियां नगर निगम चुनाव की तैयारियों में लगी हैं. अप्रैल में दिल्ली नगर निगम के चुनाव हैं और इसी के मद्देनजर आचार संहिता लगने से पहले ही नेताओं ने उद्घाटनों और नामकरण का दौर शुरू कर दिया है.
चुनाव में वोट मांगते वक्त जनता, नेताओं से उनके काम के बारे में भी पूछेगी. ऐसे चुनावी मौसम में नेताओं को महापुरुषों की खूब याद आ रही है. निगम चुनावों की दस्तक के बीच इन दिनों पार्षदों में पार्क, सड़क और सामुदायिक भवनों के नामकरण की होड़ लगी हुई है. हर सप्ताह कहीं न कहीं नामकरण को लेकर समारोह का आयोजन हो रहा है.
दिल्ली के जनकपुरी इलाके में 2 महीने में करीब 12 पार्कों का नामकरण हो चुका है. महर्षि वाल्मीकि, स्वामी विवेकानंद, शहीद भगत, चंद्रशेखर आजाद, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, गुरु द्रोणाचार्य, लाल बहादुर शास्त्री जैसे महापुरुषों के नाम पर पार्कों का नामकरण किया गया है . इसी तरह विकासपुरी में भी स्वामी दयानंद सरस्वती, बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर, स्वामी विवेकानंद के नाम पर पार्कों का नामकरण किया जा चुका है.
उत्तम नगर में भी सड़कों के नाम बदलकर महापुरुषों के नाम पर रखे गए हैं. पार्षद चुनावी मौसम में खुलकर तो बात नहीं करते लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी. सवाल ये है कि आखिरकार पार्षदों को चुनाव से ठीक पहले ही लोगों को प्रेरणा देने की याद क्यों आती है.