भारत इस साल सितंबर में अंतरराष्ट्रीय महोत्सव की मेजबानी के लिए पूरी तरह से तैयार है. ये जानकारी सोमवार को नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस ने दी है. इससे सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का सोलराइजेशन और भारत में रिन्यूएबल ग्रीन एनर्जी से पेट्रोलियम को बदलने में मदद होगी. सोलर महोत्सव नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में ग्लोबल साउथ में भारत के नेतृत्व को बढ़ावा देगा.
अंतरराष्ट्रीय सौर महोत्सव के घोषणा करते हुए रिन्यूबल मंत्रालय के सेक्रेटरी भूपेंद्र भल्ला ने कहा कि भारत ग्लोबल नेता है और इसलिए भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट फॉसिल और परमाणु ऊर्जा का लक्ष्य रखा है. 485 गीगावॉट में से 300 गीगावॉट सोलर रिन्यूएबल एनर्जी द्वारा हासिल किया जाएगा.
'रिन्यूबल एनर्जी के क्षेत्र को बढ़ाएंगे'
अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव सितंबर में नई दिल्ली में शुरू होगा, जहां वैश्विक मंच में अफ्रीकी महाद्वीप और पश्चिम के देशों के साथ-साथ एशिया डेवलपमेंट बैंक, संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड बैंक जैसी कई अन्य संस्थाएं भाग लेंगी. जो रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए और ग्लोबल स्तर पर फॉसिल एनर्जी पर निर्भरता का कम करने के लिए वित्तीय मदद करेगी.
अंतर्राष्ट्रीय सौर एलायंस टूल इंडिया के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर ग्रीन एनर्जी क्षेत्र को मजबूत बनाने की सभी संभावनाओं का पता लगाने के लिए विश्व स्तर पर सभी हितधारकों को एक मंच पर लाने के लिए इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है क्योंकि सौर ऊर्जा सबसे उभरते हुए बिजली क्षेत्रों में से एक है और अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव जैसे महोत्सवों में इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
जलवायु परिवर्तन और इसका प्रतिकूल प्रभाव अब विश्व स्तर पर दिखाई देने लगा है. यहां तक कि G20 और cop 28 जैसे मंच भी फॉसिल एनर्जी पर निर्भरता कम करने और ग्रीन एनर्जी पर स्विच करने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. भारत सरकार और कई राज्य सरकार सोलर एनर्जी के लिए सब्सिडी भी दे रहे हैं, जिससे हर घर बड़ी मात्रा में बिजली की खपत बचा सकता है.
क्या बोलीं साइना नेहवाल
बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने कहा कि, 'हम रोजाना प्लास्टिक की पानी की बोतल का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन यह एक ऐसा समय है जब हमें प्लास्टिक की पानी की बोतल की खपत कम करनी होगी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को जलवायु के लिए जागरूक करना होगा.'
बता दें कि इस साल कॉप 29 अज़रबैजान की राजधानी बाकू में आयोजित किया जाएगा. संभावित कॉप 29 का प्राथमिक एजेंडा जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा का प्रभाव होगा.