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अगले साल 15 जनवरी को दिल्ली में नहीं होगी सेना दिवस परेड, यहां शिफ्ट करने का लिया गया निर्णय

हर साल दिल्ली में सेना दिवस के अवसर पर होने वाली परेड अगले साल दिल्ली में नहीं होगी. इसे दिल्ली से बाहर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है. भारतीय सेना ने आर्मी डे परेड को दक्षिणी कमान क्षेत्र में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है. सेना दिवस के दिन देश को आजादी मिलने के बाद भारत का पहला कमांडर-इन-चीफ नियुक्त किया गया था.

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2021 में दिल्ली के करियप्पा परेड मैदान में हुई परेड की तस्वीर.
2021 में दिल्ली के करियप्पा परेड मैदान में हुई परेड की तस्वीर.

सेना दिवस (15 जनवरी) के मौके पर हर साल दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड  में आयोजित की जाने वाली सेना दिवस परेड (army day parade) को अगले साल दिल्ली से बाहर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है. भारतीय सेना ने आर्मी डे परेड को दक्षिणी कमान क्षेत्र में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है.

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बता दें कि सेना दिवस के दिन देश को आजादी मिलने के बाद भारत का पहला कमांडर-इन-चीफ नियुक्त किया गया था. लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा ने 15 जनवरी, 1949 को अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ का स्थान लिया था, तभी से इस दिन सेना दिवस मनाया जाता है.

करियप्पा मैदान में होता है आयोजन

हर बार की तरह पिछले साल भी दिल्ली के करियप्पा परेड मैदान में आर्मी डे परेड का आयोजन किया गया था. जनवरी 2022 में हुई आर्मी डे परेड के दौरान तब के सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि हमारा धैर्य हमारा आत्मविश्वास है, लेकिन किसी को भी इसे परखने की गलती नहीं करनी चाहिए. 

जब जनरल नरवणे ने दी थी चीन को चेतावनी

जनरल नरवणे ने आगे कहा था कि भारतीय सेना का संदेश साफ है कि LAC पर एक-तरफा यथास्थिति को किसी कीमत पर बदलने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा था कि कई स्तर पर बातचीत का नतीजा हुआ है कि कई क्षेत्रों में डिसएंगेजमेंट पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा, 'आपसी और समान सुरक्षा के आधार पर मौजूदा स्थिति को निपटाने की कोशिश जारी रहेगी.

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गलवान के शहीदों को किया गया था याद

इससे पहले 2021 में आयोजित की गई आर्मी डे परेड के दौरान गलवान के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई थी. परेड के दौरान 15 जून 2020 को लद्दाख में शहीद तीन जवानों की पत्नियों को सम्मानित किया गया. बता दें कि पिछले साल 15 जून को लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. भारतीय सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे. हालांकि चीन ने ये स्वीकार तो किया था.

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