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हाईटेक हुए भारतीय रेलवे के टीटीई, मिलीं हैंडहेल्ड टर्मिनल

दिल्ली रेल मंडल के टीटीई को हैंडहेल्ड टर्मिनल दे दिए गए हैं. इससे उन्हें टिकट चेक करने और चलती ट्रेन में खाली जा रही सीट की डिटेल निकालने में मदद मिलेगी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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जल्द ही आपको ट्रेन के अंदर टिकट परीक्षक (टीटीई) रिजर्वेशन चार्ट की बजाए इलेक्ट्रॉनिक मशीन के साथ दिखेंगे. भारतीय रेलवे अपने टीटीई को हैंडहेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) दे रहा है. इस टर्मिनल से अब उन्हें यात्रियों का टिकट चेक करने और अगले स्टेशन पर आरक्षण स्थिति की सूचना ऑनलाइन मिल जाएगी.

उत्तर रेलवे के तहत दिल्ली रेल मंडल में ट्रेन टीटीई को हैंडहेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) दिए गए हैं. अभी तक गाड़ियों में यात्रियों की आरक्षण की जांच या बर्थ आरक्षित करने के लिए कागजों का आरक्षण चार्ट ले जाना पड़ता है. आईटी की पहल से हैंडहेल्ड टर्मिनल शुरू होने से करने से कागजों का इस्तेमाल कम हो जाएगा. दिल्ली मंडल में कुल 180 एचएचटी सेट दिए गए हैं.

इन एचएचटी प्रणाली का प्रयोग 5 शताब्दी एक्सप्रेस (12039/12040 काठगोदाम शताब्दी, 12037/12038 लुधियाना शताब्दी, 12029/12039 अमृतसर शताब्दी, 12017/12018 देहरादून शताब्दी तथा 12050/12049 गतिमान एक्सप्रेस) और दो राजधानी एक्सप्रेस (12434/12433 चेन्नई राजधानी एक्सप्रेस तथा 22414/22413 गोवा राजधानी एक्सप्रेस) गाड़ियों में शुरू किया गया है और धीरे-धीरे सभी गाड़ियों में शुरू किया जाएगा.

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दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक आरएन सिंह ने बताया कि यह प्रणाली बर्थ आवंटन में पारदर्शिता बढ़ाएगी. इसके अलावा पर्यावरण अनुकूल होने के कारण इस सुविधा से वर्तमान में आरक्षण चार्ट प्रिंट करने के लिए प्रयोग किए जा रहे टनों कागजों की बचत होगी.

उन्होंने आगे कहा कि इस प्रणाली से यात्री आरक्षण प्रणाली में सुधार होगा और उन यात्रियों को मदद मिलेगा, जिनके पास वेटिंग टिकट होता है. इसके साथ ही रिफंड के दावे का तेजी से निपटान करने में भी सहायता मिलेगी.

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