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दिल्‍ली के तुषार लखनपाल के पास है दुनिया का सबसे बड़ा पेंसिल कलेक्‍शन

कई लोगों को डाक टिकट, सिक्‍के या चाबी के छल्‍ले इकट्ठा करने का फितूर होता है, लेकिन एक लड़का ऐसा है जिसे पेंसिल जमा करने का शौक है.

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तुषार लखनपाल
तुषार लखनपाल

कई लोगों को डाक टिकट, सिक्‍के या चाबी के छल्‍ले इकट्ठा करने का फितूर होता है, लेकिन एक लड़का ऐसा है जिसे पेंसिल जमा करने का शौक है.

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जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं दिल्‍ली के रहने वाले 15 साल के तुषार लखनपाल की. तुषार का दावा है कि उसके पास 40 देशों की अलग-अलग आकार-प्रकार की 14,000 पेंसिलें हैं. उसके इस कलेक्‍शन में ऐसी दो गोल्‍ड प्‍लेटेड पेंसिलें भी शामिल हैं, जिनके बारे में माना जाता हैं कि उनका इस्‍तेमाल ब्रिटेन की महारानी क्‍वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने किया था.

तुषार के मुताबिक, 'मेरे मम्‍मी-पापा ने उन दोनों पेंसिलों को मेरे लिए 40810.72 रुपये में खरीदा था. ब्रिटेन की महारानी ने इन पेंसिलों का इस्‍तेमाल किया है'.

'मेरे पास खुश्‍बू वाली पेंसिल, मजेदार ढक्‍कनों वाली पेंसिल, कच्‍ची लकड़ी की पेंसिल और हाथ से बनाईं गईं पेंसिलें भी हैं'.

आपको बता दें कि तुषार के कलेक्‍शन में जो सबसे बड़ी पेंसिल है उसकी लंबाई 8 फुट 3 इंच है और उसकी चौड़ाई है 29 सेंटीमीटर. वहीं, सबसे छोटी पेंसिल की लंबाई महज 4 सेंटीमीटर है.

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अपने इस शौक की वजह से तुषार पहले ही अपना नाम इंडियन लिम्‍का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करा चुके हैं और अब उनकी नजर गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स पर है. वे कहते हैं, 'मैंने पिछले महीने गिनती की थी, जिसके मुताबिक मेरे पास 14,000 से ज्‍यादा पेंसिलें हैं. मैं और ज्‍यादा पेंसिलें इकट्ठा कर रहा हूं और उम्‍मीद है कि जल्‍द ही ये आंकड़ा 15,000 का हो जाएगा'.

उन्‍होंने कहा, 'सबसे ज्‍यादा पेंसिलें जमा करने का रिकॉर्ड उरुग्‍वे के एमिलियो अरेनास के नाम है. उसके पास करीब 14,000 पेंसिलें हैं. मुझे लगता है कि मेरे पास ज्‍यादा बड़ा कलेक्‍शन है और जल्‍द ही मेरा नाम गिनीज रिकॉर्ड में होगा'.

आपको बता दें कि अरेनास के पास अगस्‍त 2011 तक 60 देशों की 14,552 पेंसिलें जमा करने का रिकॉर्ड है. हालांकि अरेनास तुषार से बहुत पहले से यानी कि 1956 से पेंसिलें जमा कर रहे हैं.

गौरतलब है कि तुषार सबसे अच्‍छी और सबसे दुर्लभ पेंसिल हासिल करने के लिए घंटों इंटरनेट पर बिताते हैं. उन्‍होंने 4 साल की उम्र से पेंसिल जमा करना शुरू कर दी थी और उनके पायलट पिता आशीष लखनपाल ने पूरी मदद की.

तुषार के मुताबिक, 'मेरे पापा हमेशा मेरे लिए पेंसिल खरीद कर लाया करते थे. मुझे पेंसिल खरीदना अच्‍छा लगता है. जब भी मैं अपने पिता के साथ यात्रा करता था तो मैं पेंसिल जरूर खरीदता था. मैं सब जगह से पेंसिल खरीद कर लाता हूं. मेरे रिश्‍तेदारों को भी पता है कि मुझे पेंसिल जमा करने का शौक है तो वे जहां कहीं भी होते हैं मेरे लिए पेंसिल जरूर भेजते हैं'.

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