देश का पहला इंटीग्रेटेड हेलीपोर्ट राजधानी दिल्ली के रोहिणी में शुरू हो गया है. 28 फरवरी को हेलीपोर्ट का उद्घाटन नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने किया. 25 एकड़ में फैले इस हेलीपोर्ट की लागत कुल 100 करोड़ रुपये है. उद्घाटन के मौके पर उड्डयन सचिव बीएन चौबे ने कहा कि देश का पहला हेलीपोर्ट इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्टर सेवाओं के दबाव को कम करेगा.
दिल्ली से 300 किलोमीटर के दायरे में फर्राटे से भरें उड़ान
दिल्ली से शुरुआती दौर में इस हेलीपोर्ट में 16 हेलीकॉप्टरों के जरिए सेवा शुरू की जाएगी, जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा. पवनहंस ने पहले चरण में दिल्ली से शिमला, वैष्णो देवी, हरिद्वार, देहरादून, मथुरा, आगरा और मेरठ को जोड़ने की योजना बनाई है. एनसीआर का हिस्सा बन चुके इंडस्ट्रियल इलाके बहादुरगढ़ और मानेसर जाने के लिए भी हेली सेवा का उपयोग किया जा सकेगा.
मेडिकल इमर्जेंसी के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल बढ़ेगा
दिल्ली एनसीआर में देश के सबसे बेहतरीन अस्पताल हैं, लेकिन आसपास के इलाकों में मेडिकल इमर्जेंसी होने पर भी मरीज इन अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाते. इसका कारण है कि एयर एंबुलेंस सबकी पहुंच में नहीं होती, लेकिन हेली सर्विस ये हालात बदल सकते हैं. अगर सिर्फ गुड़गांव की भी बात करें तो दिल्ली एनसीआर के शहरों में गुड़गांव ने चिकित्सा के क्षेत्र में काफी पहचान बनाई है और वहां से अधिकांश निजी अस्पतालों ने हेलीपैड के लिए आवेदन दिए हैं.
रोहिणी हेलीपोर्ट के बनने के बाद सरकार तेजी से हेलीपैड की परमिशन की फाइलें निपटाने का काम कर रही है. हेलीकॉप्टर तीन सौ किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाकों से उन मरीजों को भी लाने के लिए उड़ान भरेंगे जिन्हें सड़क या रेल मार्ग से लाना संभव नहीं होता.