अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला अपने आप में बहुत सी खासियत और रंग समेटे रखता है. यहां हर राज्य के कुछ ना कुछ खास आइटम हमेशा लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं. इस मेले में भी आम मेले की तरह औरतों का साजो सामान ज्यादा मिलता है. साड़ियों के प्रति महिलाओं का विशेष रुझान होता है और इसीलिए हर राज्य की खास साड़ी के स्टॉल पर भीड़ होती है.
कर्नाटक की कांजीवरम साड़ी भी महिलाओं की लोकप्रिय पसंद है. हाथ से की गई जरी की महीन कारीगरी और चटक रंगों की इन साड़ियों का ग्रेस और लुक बहुत खास होता है. कांजीवरम की असली सोने-चांदी की जरी से की गई कारीगरी वाली साड़ियों की भी दिल्ली में बहुत डिमांड है.
इन साड़ियों में कितना सोना, कितना चांदी या दूसरी कीमती धातु का कितना इस्तेमाल किया गया है इसका प्रमाणपत्र भी साड़ी के साथ दिया जाता है.
इसके अलावा चूंकि इन साड़ियों में सोने चांदी का इस्तेमाल किया गया है इसीलिए डैमेज होने पर अगर आप इन्हें पहन नहीं सकती तो ये साड़ियां वापस भी हो सकती हैं और इनकी रीसेल वैल्यू भी मिल सकती है. मतलब असली सोने-चांदी की कांजीवरम साड़ी पहन कर आप अपनी खूबसूरती में चार चांद लगाते हुए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट भी कर सकती हैं.
अब बात आई है सोने की साड़ी की कीमत की. अगर असली सोने चांदी का काम है तो साड़ी की कीमत भी अच्छी खासी होगी. जी हां इन साड़ियों की कीमत भी हजारों लाखों में है. ट्रेड फेयर के इस कांजीवरम स्टॉल पर 80 हजार से लेकर 7 लाख तक की सोने की साड़ियां बिक रही हैं. लाखों की इन साड़ियों को तैयार करने में करीब 4 महीने का समय लगता है और सालभर में सिर्फ 3 साड़ियां ही तैयार हो पाती हैं.
इसके अलावा इन साड़ियों को बनाने वाले कारीगर अपने काम में बेहद पारंगत और उम्रदराज होते हैं, जिनके हुनर का कोई सानी नही होता. अगर आप भी अपनी साड़ियों के कलेक्शन में सोना चांदी शामिल करना चाहती हैं तो ट्रेड फेयर में आपको प्रमाण के साथ ऐसा मौका मिल सकता है.