दिल्ली-एनसीआर में डीजल टैक्सियों पर बैन के खिलाफ टैक्सी ऑपरेटर्स ने सोमवार सुबह विरोध-प्रदर्शन किया और धौला कुआं के पास दिल्ली-गुड़गांव रोड जाम कर दिया. पुलिस ने डीएनडी पर जाम लगाने वाले 15 टैक्सी ड्राइवरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. आठ टैक्सियां भी जब्त की गई हैं. वहीं दिल्ली के रजोकरी इलाके में सड़क पर जाम लगाने वालों को हटाने के लिए सीआरपीएफ को भेजा गया है. सीआरपीएफ मौके पर पहुंच गई है.
Massive traffic jam near Delhi's Ashram chowk as taxi drivers protest demanding ban on diesel vehicles be revoked pic.twitter.com/kVcUc7ayFI
— ANI (@ANI_news) May 2, 2016
सभी को SC का आदेश मानना ही होगा: मंत्री
इस बीच दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय का कहना है कि सभी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए. सभी डीजल कैब को CNG में बदलना ही होगा. उन्होंने यह भी आशंका जताई कि यह प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है.
दूसरी ओर, बैन और गिरफ्तारी के विरोध में कैब ऑपरेटर्स जंतर-मंतर और पंत मार्ग की ओर बढ़ रहे हैं. ऑपरेटर्स ने चेतावनी दी है कि अगर एक घंटे के अंदर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वो और भी सड़कों पर जाम लगाएंगे, फिर चाहे डंडे ही क्यों न पड़ें.
टैक्सी ड्राइवरों के खिलाफ नोएडा सेक्टर 20 पुलिस ने आईपीसी की धारा 341 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस का कहना है की अगर दोबारा ऐसी हरकत की तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी. प्रदर्शन कर रहे टैक्सी ड्राइवरों का कहना है कि कोर्ट के फैसले की वजह से वह बेरोजगार हो गए हैं और उनकी रोजी-रोटी छिन गई है.
Traffic jam at Delhi Gurgaon Expressway due to protest by diesel vehicle owners against SC's ban on them pic.twitter.com/mSvaUTpep3
— ANI (@ANI_news) May 2, 2016
शनिवार को प्राइवेट टैक्सी ऑपरेटर्स ने सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच से मियाद दोबारा बढ़ाने की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 60 हजार टैक्सियां रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 21 हजार डीजल से चलती हैं. लेकिन अब ये गाड़ियां दिल्ली की सड़कों पर नहीं दौड़ पाएंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई थी समय-सीमा
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए पहले 31 मार्च तक पेट्रोल और डीजल टैक्सियों को सीएनजी में कन्वर्ट करने की सीमा तय की थी. जिसे बाद में बढ़ाकर 30 अप्रैल तक कर दिया गया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टैक्सी मालिकों से कहा कि आपको काफी समय दिया जा चुका है, अब तक आपको इसके विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए था.
Delhi: Diesel taxi drivers hold protest at Delhi Gurgaon Expressway, demand ban on diesel vehicles be revoked pic.twitter.com/5GIFzPBTnA
— ANI (@ANI_news) May 2, 2016
दिल्ली सरकार ने तुरंत जारी कर दिया आदेश
कोर्ट का आदेश आने पर परिवहन मंत्री गोपाल राय बिना मौका गंवाते हुए अपने इन्फोर्समेंट विभाग को 1 मई से डीजल गाड़ियों पर कार्यवाही करने का आदेश दे दिया. सरकार का कहना है कि जो लोग अपनी मनमानी करते हैं उन्हें असलियत समझना होगा. ऑड-इवन फॉर्मूले से फुरसत मिलने के बाद दिल्ली सरकार इस पहल में जुटी है कि दिल्ली की सभी गाड़ियां CNG युक्त रहें. हालांकि नए नियम में आल इंडिया टूरिस्ट परमिट की कारों को छूट दी गई है. रेडियो टैक्सी की तरह शहर के परमिट वाली टैक्सियों को छूट है. जबकि ओला और उबर को अपनी टैक्सियां सीएनजी में बदलवानी होंगी.
दिल्ली पुलिस को डीजल वाहनों की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन टैक्स के भुगतान पर दिल्ली पुलिस को 2000 सीसी या इससे अधिक सीसी के उसके 190 डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी है. कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को भी डीजल चालित पानी के उसके नए टैंकरों का परिवहन प्राधिकरण में पंजीकरण कराने की अनुमति दी. डीजेबी को ग्रीन टैक्स के भुगतान से छूट दी गई.
करीब 50 हजार टैक्सियों पर असर
कोर्ट के इस फैसले का असर दिल्ली-एनसीआर की करीब 50 हजार से ज्यादा टैक्सियों पर होगा. इससे लोगों को भी मुसीबत झेलनी पड़ सकती है. ओला और उबर की करीब 13 हजार डीजल से चलने वाली टैक्सी सड़कों से हटेंगी, जबकि दोनों ही ऑपरेटर वक्त से पहले करीब 41 हजार CNG गाड़ियां सड़कों पर उतार चुके हैं.