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जामिया हिंसा के दौरान शख्स के पैर में लगी थी गोली, DCP बोले- नहीं हुई फायरिंग

दिल्ली के जामिया इलाके में नागरिकता कानून को लेकर जारी प्रदर्शन रविवार को हिंसक हो गया था. हिंसक प्रदर्शन के दौरान कई लोग घायल भी गए थे.

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जामिया हिंसा के दौरान शख्स के पैर में लगी थी गोली (फाइल फोटो)
जामिया हिंसा के दौरान शख्स के पैर में लगी थी गोली (फाइल फोटो)

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  • घायलों को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया
  • पुलिस बोली- किसी को नहीं लगी गोली

दिल्ली के जामिया इलाके में नागरिकता कानून को लेकर जारी प्रदर्शन रविवार को हिंसक हो गया था. हिंसक प्रदर्शन के दौरान कई लोग घायल भी गए थे. घायलों को होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब हॉस्पिटल की एक पर्ची में एक शख्स के पैर में गोली लगने की बात सामने आई है.

शख्स के बाएं पैर में गोली लगने की बात सामने आई है. उसके मुताबिक वह विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था. वह ओखला इलाके से आ रहा था, तभी हिंसा भड़की ओर कथित तौर पर पुलिस की ओर से चलाई गई गोली उसे लग गई. हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया है किसी भी तरह की फायरिंग इस इलाके में की गई है.

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वहीं दिल्ली पुलिस ने गोली मारने की घटना से इनकार किया है. ज्वाइंट सीपी देवेश श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास कोई रबर वाली गन नहीं है. हमने किसी को भी गोली नहीं मारी.

पुलिस का दावा- बुलेट इंजरी नहीं

डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने आज तक से हुई खास बातचीत में कहा कि 2 अस्पतालों जिनमें होली फैमिली अस्पताल और सफदरजंग है, इन दोनों अस्पतालों में 2 लोगों ने दावा किया है कि उन्हें बुलेट इंजरी है और उनकी एमएलसी में बुलेट इंजरी की बात सामने आई है.

डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने साफ़ किया पुलिस की तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई, जहां तक होली फैमिली अस्पताल की बात है रिपोर्ट में एलेज्ड हिस्ट्री में बुलेट इंजरी लिखी है. जिसका मतलब है कि घायल ने ऐसा बताया लेकिन फाइनल रिपोर्ट में नीचे फॉरेन एलिमेंट लिखा है, जिसका मतलब होता है. कोई प्लास्टिक, कार्बन या कुछ ऐसा एलिमेंट लगने जैसा इस केस में हुआ है.

डीसीपी ने दावा किया कि अगर बुलेट इंजरी होती तो फॉरेन एलिमेंट रिमूवल की जगह बुलेट फाउंड लिखा होता. लगता है टियर गैस जब छोड़ा गया तब वो शख्स आसपास होगा और उसकी चोट शख्स की थाई में लग गई होगी. अगर शख्स बयान दे रहा है कि गोली लगी तो हम देखेंगे . वैसे भी जो प्रदर्शनकारी थे वे पूरी तैयारी के साथ आये थे.

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'पुलिस ने नहीं की फायरिंग'

डीसीपी ने कहा कि दूसरे अस्पताल सफदरजंग में भी एक शख्स ने बुलेट इंजरी का दावा किया है, लेकिन फॉरेन इंजरी रिमूवल की वहां भी बात कही गई है. शख्स ने मथुरा रोड ( NFC) में वारदात होने की बात कही है, तो एनएफसी के पास होली फैमिली और फोर्टिस अस्पताल है. वहां भर्ती होता न कि सफदरजंग लेकिन ये जांच का विषय है. हमारी तरफ से फायरिंग हुई ही नहीं है, अगर फायरिंग हुई और किसी को गोली लगी तो जांच होगी कि क्या मॉब के पास से किसी तरह का अवैध हथियार तो नहीं था. जिस से गोली चली. हालांकि हमारे पास इस तरह की अभी कोई बात सामने नहीं आई है.

रविवार को हुआ था प्रदर्शन

बता दें, रविवार को दक्षिण दिल्ली में नाराज भीड़ ने पुलिसकर्मियों, आम नागरिकों व मीडिया को निशाना बनाया था. भीड़ ने दक्षिणी दिल्ली को कब्जे में ले लिया. प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने व पुलिस के साथ झड़प के पांच घंटे बाद पुलिस ने जामिया नगर में फ्लैग मार्च किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे. हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों की बड़ी टुकड़ी से संघर्ष किया और मीडिया पर भी पथराव किया.

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नाराज भीड़ ने बसों को आग लगा दिया या क्षतिग्रस्त किया और इसके अलावा कारों व एक बाइक को निशाना बनाया. पथराव में दो दमकल अधिकारी घायल हो गए. नए नागरिकता अधिनियम को लेकर दक्षिण दिल्ली में करीब एक घंटे तक प्रदर्शन चला.

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