जामिया की फाइन आर्ट्स फैकल्टी के छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन पर म्यूरल पेंटिंग बनाएंगे. इस पेंटिंग के जरिए यूनिवर्सिटी के अब तक के सफर को दर्शाया जाएगा. यूनिवर्सिटी की ऐतिहासिकता को दर्शाते हुए पेंटिंग में दिखाया जाएगा कि किस तरह पुरानी इमारतों से नवीन आर्किटेक्चर की इमारतें जामिया में निर्मित हो गई हैं और अब यूनिवर्सिटी का क्या स्वरूप है. पेंटिंग में जामिया का लोगो भी बनाया जाएगा. जामिया के तराने की एक लाइन भी इस पेंटिंग में शामिल की जाएगी. फाइन आर्ट्स फैकल्टी के अध्यापक शाह अबुल फैज की देख-रेख में उनके छात्र ये पेंटिंग बनाएंगे.
इसी साल अगस्त में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ए.पी सिद्दीकी की तरफ से मेट्रो स्टेशन पर जामिया के छात्रों द्वारा म्यूरल पेंटिग बनाने का प्रस्ताव दिया गया था. डीएमआरसी पहले ही मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर पेंटिंग का काम किसी दूसरे आर्टिस्ट को दे चुका था, लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से लगातार कोशिशों की वजह से डीएमआरसी मान गया और आखिरकार यूनिवर्सिटी को म्यूरल पेंटिंग बनाने की इजाजत दे दी.
डीएमआरसी ने न सिर्फ पेंटिंग की मंजूरी दे दी है बल्कि पेंटिंग बनाने के लिए जरूरी सामग्री का खर्च और छात्रों को मानदेय देने का भी फैसला किया है. डीएमआरसी ने जामिया को इसके लिए डिमांड ड्राफ्ट भी दे दिया है और काम जल्द होने की उम्मीद है. जामिया के फाइन आर्ट्स फैकल्टी के लिए जाने वाले गेट से लगे मेट्रो स्टेशन साइड की टिकट विंडो के बगल की बड़ी दीवार पर ये पेंटिंग बनाई जाएगी.
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर तलत अहमद की मंजूरी मिलने के बाद पेंटिंग करने का प्रस्ताव जामिया की तरफ से डीएमआरसी को जुलाई 2017 में भेजा गया. इसके बाद एक बार जामिया और डीएमआरसी की टीम ने मौके पर जाकर मुआयना किया था. जामिया की कोशिश थी कि प्रस्ताव को मंजूरी मेजेंटा लाइन के उद्घाटन से पहले मिल जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
अब मेट्रो की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद जामिया के वाइस चांसलर प्रोफेसर तलत अहमद काफी संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि मेट्रो स्टेशन से गुजरने वालों को इस पेंटिंग के द्वारा जामिया की ऐतिहासकिता के बारे में पता चल सकेगा. जामिया में पुरानी इमारतों के साथ-साथ नई इमारतों का अनूठा मिश्रण है. यूनिवर्सिटी के मौजूदा स्वरूप के बारे में लोगों को मालूम चलेगा. हमने इस पेंटिंग को नए साल के कार्ड में भी छापा है. उम्मीद है लोगों को पसंद आएगा.
डीएमआरसी नीति के तहत अपने स्पेस को कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल करती है. जामिया के पहले भी कई स्टेशन पर इस तरह के प्रयोग किए गए हैं. अब मेट्रो की मंजूरी के बाद जामिया के छात्र जल्द ही साइट पर काम शुरू करेंगे.