जामिया मिलिया इस्लामिया में 15 दिसंबर को हुई बर्बरता से जुड़ा का एक वीडियो सामने आया है. विपक्ष इस वीडियो को लेकर केंद्र सरकार, गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली पुलिस पर निशाना साध रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वीडियो पर केंद्र सरकार को घेरा है. यह वीडियो जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने जारी किया है, जिसमें सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आ रहे हैं.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है कि देखिए कैसे दिल्ली पुलिस पढ़ने वाले छात्रों को अंधाधुंध पीट रही है. एक लड़का किताब दिखा रहा है लेकिन पुलिस वाला लाठियां चलाए जा रहा है. गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने झूठ बोला कि उन्होंने लाइब्रेरी में घुस कर किसी को नहीं पीटा. इस वीडियो को देखने के बाद जामिया में हुई हिंसा को लेकर अगर किसी पर एक्शन नहीं लिया जाता तो सरकर की नीयत पूरी तरह से देश के सामने आ जाएगी.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि पुलिस जामिया छात्रों पर हमलावर है, जबकि छात्रों ने कुछ नहीं कहा है. यह भयावह है. इन विधिविहीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
देखिए कैसे दिल्ली पुलिस पढ़ने वाले छात्रों को अंधाधुंध पीट रही है। एक लड़का किताब दिखा रहा है लेकिन पुलिस वाला लाठियां चलाए जा रहा है।
गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने झूठ बोला कि उन्होंने लाइब्रेरी में घुस कर किसी को नहीं पीटा।..1/2 pic.twitter.com/vusHAGyWLh
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 16, 2020
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CCTV footage has emerged showing police assaulting Jamia students without provocation. Horrifying. Exemplary punishment must be levied on these lawless policemen. https://t.co/3AXhSuKf7A
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 16, 2020
येचुरी बोले- हमले का रवैया शर्मनाक
सीपीआई नेता सीताराम येचुरी ने भी केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा है. सीताराम येचुरी ने कहा कि यह अकारण और अस्वीकार्य है. छात्रों पर हो रहे पुलिस हमले अमित शाह के निर्देश पर हुए. अमित शाह ने उनका बचाव किया. यह गलत है, भ्रामक है और राजनीति से प्रेरित है. दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर अमित शाह के आधीन आती है. सरकार लाइब्रेरी में पढ़ रहे युवा छात्रों के ऐसा बर्ताव करती है. यह शर्मनाक है.
वहीं बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि जामिया के दंगाई खुद ही अपनी पहचान दें. एजेंसियों को इस वीडियो का इस्तेमाल करना चाहिए. छात्र लाइब्रेरी में मास्क लगाकर बैठे हैं. बंद किताब से छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. आराम से पढ़ाई में मन लगाने के बजाय लगातार एंट्रेंस गेट की ओर देख रहे हैं. पढ़ने के लिए ही लाइब्रेरी होती है. जामिया के दंगाई पत्थरबाजी करने के बाद लाइब्रेरी में छिपने की कोशिश करते दिख रहे हैं.
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इस वीडियो पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस वीडियो में कुछ नकाबपोश लोग भी दिख रहे हैं. जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी इस वीडियो को शनिवार से ही वायरल कर रही है . पुलिस का यह भी कहना है कि क्राइम ब्रांच को पहले ही जांच सौंप दी गई थी. इन सभी वीडियो की जांच की जाएगी.
This is unconscionable & unacceptable. Every defence of police action on students in universities, offered by Amit Shah, is untrue, misleading & politically motivated. Delhi police comes directly under Modi-Shah & this is how it treats young students studying in a library. Shame. https://t.co/SQYxFVeSDp
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 16, 2020
जामिया से नहीं जुड़ा है जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी
जामिया मिलिया इस्लामिया का जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी से कोई ताल्लुक नहीं है. यह कमेटी नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) के खिलाफ जारी आंदोलनों को लीड कर रही है. इस कॉर्डिनेशन कमेटी में जामिया के कई पूर्व छात्र भी शामिल हैं.