नागरिकता संशोधन कानून पर दिल्ली के जामिया नगर और सीलमपुर इलाके में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले हैं. प्रदर्शन के दौरान गाड़ियों में आगजनी के अलावा तोड़फोड़ भी की गई है. हिंसा के बाद दोनों ही जगह पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. जामिया यूनिवर्सिटी इलाके में मचे बवाल के बाद पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें स्थानीय नेताओं के अलावा जामिया के छात्र नेताओं के नाम भी शामिल हैं. हालांकि, दिलचस्प बात ये है कि इलाके के विधायक और आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान का इस एफआईआर में जिक्र नहीं है.
दिल्ली के ओखला स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (JMI) के छात्र नए नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन के तीसरे दिन यानी 15 दिसंबर की शाम जब बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी से आगे निकलकर जुलैना से भी आगे बढ़ गए तो हालात बेकाबू हो गए. बसों को आग के हवाले कर दिया गया, जमकर पत्थरबाजी हुई, लाठीचार्ज भी किया गया. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्हें जेल भेज दिया गया है. जबकि जामियानगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई FIR में सात लोगों के नाम का खुलासा किया गया है. बता दें कि यह FIR जामिया नगर पुलिस स्टेशन SHO उपेंद्र सिंह की तरफ से दर्ज कराई गई है.
पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता का भी नाम
इस FIR में जिन लोगों को नामजद किया गया है, उनमें ओखला विधानसभा सीट के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता आसिफ मोहम्मद खान का नाम भी शामिल है. आसिफ खान के अलावा स्थानीय नेता आशु खान, मुस्तफा और हैदर के भी नाम हैं. इन चार नेताओं के अलावा जामिया के तीन छात्रों को भी एफआईआर में नामजद किया गया है.
जामिया यूनिवर्सिटी के इन 3 छात्रों पर FIR
जामिया नगर पुलिस स्टेशन ने जो FIR दर्ज की है, उसमें चार स्थानीय नेताओं के अलावा जामिया इस्लामिया यूनवर्सिटी के तीन छात्र भी हैं. इनमें AISA के छात्र नेता चंदन कुमार, SIO के छात्र नेता आसिफ तन्हा और CYSS के छात्र नेता कासिम उस्मानी के नाम हैं.
FIR में क्या हैं आरोप
इस एफआईआर में कहा गया है कि ये सभी स्थानीय नेता और छात्र नेता प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे. साथ ही यह भी कहा गया कि ये नेता लोगों को भड़का रहे थे और छात्रों के बीच घूम-घूमकर नारेबाजी कर रहे थे. एफआईआर में कहा गया कि इन सभी नेताओं ने NRC और CAB का विरोध करते हुए नारेबाजी की और मथुरा रोड की तरफ बढ़े और भीड़ ने उग्र रूप लेते हुए वाहनों में तोड़फोड़ की. एफआईआर के मुताबिक, हालात का काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए.
विधायक अमानतुल्लाह पर उठे थे सवाल
बता दें कि इस हिंसक प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सीधे तौर पर स्थानीय विधायक और AAP नेता अमानतुल्लाह खान पर आरोप लगाए गए. ये भी आरोप लगाए गए कि अमानतुल्लाह खान ने भीड़ को उकसाया और उसका नेतृत्व किया. कई बाहरी लोगों ने अमानतुल्लाह के खिलाफ शिकायतें भी दी हैं. हालांकि, अमानतुल्लाह ने अपनी सफाई देते हुए कहा था कि जहां हिंसा हुई, उस प्रदर्शन से उनका कोई वास्ता नहीं है, वो वहां से काफी दूर कालिंदी कुंज के पास आयोजित विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे. अमानतुल्लाह के अलावा आम आदमी पार्टी भी ऐसी ही सफाई देती रही है.
AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अमानतुल्लाह खान की मौजूदगी पर कहा है कि 'कोई प्रमाण नहीं है कि हिंसा में अमानतुल्लाह खान का हाथ हो. बावजूद इसके अमानतुल्लाह खान को जेल में डालना चाहते हैं तो यह भाजपा की दिल्ली विधानसभा चुनाव हारने की बौखलाहट है.'
आम आदमी पार्टी भले ही अमानतुल्लाह के बहाने बीजेपी को घेर रही है, लेकिन फिलहाल जामिया नगर थाने में जो एफआईआर हिंसा के संबंध में हुई उसमें अमानतुल्लाह का कोई जिक्र नहीं है. बल्कि कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान और बाकी स्थानीय नेता हैं.