जामिया हिंसा में आरोपी पूर्व विधायक आसिफ खान आज बुधवार को सरेंडर करने पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. आसिफ खान का कहना है, 'पुलिस ने मुझसे कहा कि मुकदमा दर्ज करने में चूक हुई. केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है. वो जब तक डिटेल में जांच नहीं कर लेते, तब तक मुझे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.'
इससे पहले जामिया में हुई हिंसा के मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व विधायक आसिफ खान ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनको फंसाया है. उन्होंने आगे कहा, 'मेरा वीडियो वायरल होने के बाद मुझे दंगाई दिखा रहे हैं. पुलिस हिंसा की कसूरवार है, मैंने तो शांति बनवाई.' आसिफ खान ने कहा, 'बुधवार दोपहर 2 बजे जामिया थाने में आत्मसमर्पण करूंगा. अगर मैं दंगाई हूं तो घर कैसे बैठा हूं. पुलिस मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं करती.'
आसिफ समेत 6 पर आरोप
15 दिसंबर को हुए जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ खान पर आरोप लगा है. शुरुआती रिपोर्ट में जिन 6 लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें आसिफ खान का भी नाम शामिल है. अन्य स्थानीय नेताओं में आशु खान, मुस्तफा और हैदर, आईसा सदस्य चंदन कुमार, एसआईओ सदस्य आसिफ तन्हा और सीवाईएसएस सदस्य कामिस उस्मानी शामिल हैं.
प्राथमिकी (एफआईआर) के अनुसार, दिल्ली पुलिस को जानकारी मिली थी कि कई लोग संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ संसद भवन और राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च करेंगे.
हिंसा के दौरान यूनिवर्सिटी के पास पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी. शाम के 3 बजे के आसपास जामिया यूनिवर्सिटी के पास कई प्रदर्शनकारी जुट गए जिनमें महिला, पुरुष और स्थानीय नेता शामिल थे.
एफआईआर के मुताबिक, आसिफ खान और आशु खान प्रदर्शनकारियों को उकसा रहे थे और नारे भी लगा रहे थे. प्रदर्शनकारी नागरिकता और एनआरसी विरोधी नारे लगा रहे थे और मथुरा रोड की ओर बढ़ रहे थे.