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जामिया हिंसा केस: शरजील और सफूरा समेत 9 आरोपियों को HC से झटका, ट्रायल कोर्ट का फैसला पलटा

जामिया हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी 11 आरोपियों को आरोपमुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को आंशिक रूप से पलट दिया है. जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया. पिछले सप्ताह 2 घंटे से अधिक की विस्तृत सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया था.

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दिल्ली के जामिया हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी 11 आरोपियों को आरोपमुक्त करने के निचली अदालत के फैसले को आंशिक रूप से पलट दिया है. लिहाजा शरजील इमाम, आसिफ तन्हा, सफूरा जरगर और 6 अन्य पर दंगा और गैरकानूनी रूप से एकत्र होने से जुड़े आरोपों का सामना करना पड़ेगा.

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नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के खिलाफ 2019 में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान दिल्ली के जामिया इलाके में हिंसा हुई थी. इस हिंसा के आरोपी शरजील इमाम, सफूरा जरगर समेत अन्य आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया. जबकि पिछले सप्ताह 2 घंटे से अधिक की विस्तृत सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया था. इस मामले में अभियोजक दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि निचली अदालत ने जांच एजेंसी के खिलाफ टिप्पणियां पारित करके उसके क्षेत्राधिकार का उल्लंघन किया है. निचली अदालत की टिप्पणी को फैसले से हटाया जाना चहिए.

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दिल्ली पुलिस ने किया था रिहाई के फैसले का विरोध

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कुछ वीडियो क्लिप दिखाते हुए कहा था कि अगर इन वीडियो क्लिप के आधार पर निचली अदालत उन छात्रों को बेगुनाह कह रही है तो हम उसका विरोध करते हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में घायलों के बयान हैं. उन्होंने आरोपियों की पहचान की थी.

क्या कहा था शरजील के वकील ने?


पिछली सुनवाई के दौरान शरजील इमाम के वकील ने कहा था कि कोई वीडियो या किसी गवाह का बयान मेरे खिलाफ नहीं है, मेरे खिलाफ चार्जशीट में एक शब्द भी नहीं है. उसके खिलाफ ऐसा कोई बयान नहीं है जो मेरे ऊपर आरोप को साबित करता हो.

सफूरा जरगर के वकील ने दिया ये तर्क
 

सफूरा जरगर के वकील ने कहा था कि दिल्ली पुलिस जिस वीडियो क्लिप की बात कर रही हैं, उसमें मेरी पहचान उजागर नहीं है. आज तक पहचान उजागर नहीं हुई है, क्योंकि उस क्लिप में शख्स ने चेहरा ढंका हुआ है. CDR के आधार पर मेरे ऊपर आरोप नहीं लगाया जा सकता है. घटना स्थल से 3-4 किलोमीटर दूर मेरा घर है.

बिहार से गिरफ्तार हुआ था शरजील

दिसंबर 2019 में जामिया नगर इलाके में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क गई थी. शरजील इमाम पर 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था. वो अभी भी जेल में है. वो 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों की साजिश मामले में भी आरोपी है. साथ ही शरजील पर 16 जनवरी 2020 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भाषण देने के मामले में केस दर्ज हुआ था. इस भड़काऊ भाषण के लिए पांच राज्यों में देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था. इसमें दिल्ली के साथ-साथ असम, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर शामिल था. शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.

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