जामिया हिंसा मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से एक भी छात्र नहीं हैं. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोग क्रिमिनल बैकग्राउंड के हैं. इनमें से तीन इसी इलाके के 'बैड कैरेक्टर क्रिमिनल' घोषित है. वहीं, मंगलवार को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हालत सामान्य है. कैंपस के बाहर कोई छात्र नहीं है. कैंपस के बाहर पुलिस फोर्स भी तैनात नहीं है.
क्या है मामला?
रविवार को दक्षिण दिल्ली में नाराज भीड़ ने पुलिसकर्मियों, आम नागरिकों और मीडिया को निशाना बनाया था. भीड़ ने दक्षिणी दिल्ली को कब्जे में ले लिया. प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने और पुलिस के साथ झड़प के पांच घंटे बाद पुलिस ने जामिया नगर में फ्लैग मार्च किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे. हिंसक भीड़ ने पुलिसकर्मियों की बड़ी टुकड़ी से संघर्ष किया और मीडिया पर भी पथराव किया.
15 लोगों पर एफआईआर
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और जामिया नगर थाने में FIR दर्ज की है. करीब 15 लोगों के नाम FIR में शामिल है. सूत्रों का कहना है कि एफआईआर में कुछ नेताओं के नाम भी हैं. वहीं जांच बढ़ने पर और कई लोगों के नाम भी जरूरत पड़ने पर इसमें शामिल किए जाएंगे. सूत्रों का कहना है कि मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है. पुलिस वीडियो की मदद से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर रही है.
पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने जामिया कैंपस में दिल्ली पुलिस के घुसने पर विस्तार से अपनी बात रखी. रंधावा ने कहा कि दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारियों को वापस जामिया की ओर भेज रही थी तो प्रदर्शनकारी और इलाके के लोग कैंपस में घुस गए थे और पथराव शुरू कर दिया था. ऐसे में दिल्ली पुलिस के कुछ लोग कैंपस में घुसे थे.
एमएस रंधावा ने कहा कि शनिवार को जामिया के छात्र और स्थानीय लोग वहां इकट्ठा हुए थे. प्रदर्शनकारी सराय जुलैना से आगे बढ़ रहे थे. इस दौरान कुछ लोग माता मंदिर मार्ग पर पहुंच गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी. बस को आग लगा थी. हम उन्हें वापस खदेड़ने लगे थे, इस दौरान होली फैमिली के पास प्रदर्शनकारियों की ओर से पथराव किया गया.