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कांग्रेस का नोटबंदी के खिलाफ जन आक्रोश मार्च रहा ठंडा

नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को जन आक्रोश मार्च निकाला. हालांकि यह ठंडा ही साबित हुआ.

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कांग्रेस का जन आक्रोश मार्च
कांग्रेस का जन आक्रोश मार्च

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नोटबंदी को लेकर कांग्रेस जन आक्रोश मार्च निकाला, जिसमें दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन के अलावा कई कांग्रेसी नेता मौजूद थे. इस जन आक्रोश मार्च में कई रंग देखने को मिले. प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ थाली पीटकर नारेबाजी की.

कांग्रेसी नेताओं ने नोटबंदी से आम लोगों को हो रही परेशानी पर केन्द्र सरकार की जमकर खिंचाई की. कुछ कांग्रेस नेता तो घोड़ी पर सवार हो दुल्हा बनकर आए थे, जो नोटबंदी की वजह से शादी रुकवाने का आरोप लगा रहे थे. यह जन आक्रोश मार्च मंडी हाउस से शुरू होकर संसद मार्ग तक चला.

कांग्रेस ने 28 नवंबर को भारत बंद का ऐलान किया था लेकिन बंद से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने साफ कर दिया था कि सोमवार को बंद नहीं बल्कि आक्रोश दिवस के जरिए विरोध किया जाएगा. हालांकि उसका कोई असर देश की राजधानी में नहीं दिखा. एक तरफ दुकानें खुली रहीं तो दूसरी तरफ लेफ्ट पार्टियों के मार्च में भी कोई खास बात नहीं दिखी. सिर्फ औपचारिकता के लिए कार्यकर्ताओं की भीड़ को लेकर नेता मंडी हाउस से जंतर मंतर पहुंचे.

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क्यों रहा विफल?

नोटबंदी के बाद से ही बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी कतारों को देखते हुए विपक्षी दलों को लगा था कि वो इसको भुनाते हुए सरकार को घेरने में सफल रहेंगे लेकिन हुआ इसके उलट. बैंकों के बाहर कतार में लगे लोग हों या फिर सोमवार को दुकान खोलने वाला दुकानदार हो, ऑटोवाले हों या फिर नौकरीपेशा कोई भी बंद के पक्ष में नहीं था.

इसके अलावा जेडीयू ने भी नोटबंदी का समर्थन करते हुए बंद और आक्रोश दिवस से दूर ही रहने का फैसला किया था जिसके कारण विपक्ष की रणनीति पर असर पड़ा.

20वें दिन भी बैंकों के बाहर रही कतार

हालांकि आक्रोश दिवस के बीच बैंकों और एटीएम के बाहर कतार में लगने वालों की संख्या में कोई खास कमी नहीं देखी गई. लोग सोमवार को भी कैश की कमी से जूझते दिखे जिसे जल्द दूर करने के लिए सरकार को जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे नहीं तो लोगों के सब्र के बांध को टूटने में देर नहीं लगेगी.

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