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मांझी सरकार के ताबड़तोड़ फैसले: MLA फंड 1 करोड़ बढ़ाया, कुल 27 एजेंडों को दी मंजूरी

बिहार में जीतन राम मांझी सरकार को आगामी 20 फरवरी को विश्वास मत हासिल करना है. इससे पहले ही बुधवार को सरकार ने अगले वित्त वर्ष से मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत विधानमंडल के सदस्यों की अनुशंसा पर कार्य कराने के लिए प्रति वर्ष दो करोड़ की जगह तीन करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किए जाने को मंजूरी दे दी है.

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जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी

बिहार में जीतन राम मांझी सरकार को आगामी 20 फरवरी को विश्वास मत हासिल करना है. इससे पहले ही बुधवार को सरकार ने अगले वित्त वर्ष से मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत विधानमंडल के सदस्यों की अनुशंसा पर कार्य कराने के लिए प्रति वर्ष दो करोड़ की जगह तीन करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किए जाने को मंजूरी दे दी है.

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बिहार राज्य मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के विशेष सचिव अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में 27 एजेंडों पर मंजूरी दी गई, जिसमें 9 एजेंडा प्रस्तावित थे और 18 एजेंडे अन्य के रूप में शामिल किए गए थे. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने अन्य के रूप में एक वित्तीय वर्ष में आरक्षी से लेकर निरीक्षक तक के पुलिसकर्मियों को 12 महीने की जगह 13 महीने के वेतन के भुगतान का निर्णय लिया है.

द्विवेदी ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने होम गार्डों को प्रतिदिन दिए जाने वाले मानदेय को 300 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये किए जाने, यात्रा भत्ता 20 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये किए जाने और 20 साल की लगातार सेवा पूरी करने वाले होम गार्ड को सेवा के बाद डेढ लाख रुपये मानदेय के तौर पर दिए जाने तथा उनके शारीरिक तौर पर दक्ष रहने पर उनकी कार्यरत रहने की अवधि को 50 साल से 60 साल किए जाने को मंजूरी दी है.

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उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने विभिन्न पंचायतों में निजी उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं इंटर कालेजों के उच्च विद्यालयों को मान्यता देने के लिए अधिनियम में यथोचित संशोधन एवं आरक्षण के प्रावधान सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है.

द्विवेदी ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने मध्याह्न भोजन योजना के तहत कार्यरत रसोइया को एक हजार रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त मानदेय देने के लिए भारत सरकार से अनुशंसा करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री मांझी ने बुधवार शाम अपनी कैबिनेट की बैठक की और कई प्रस्तावों को मंजूरी दी. विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान सदन में बैठने की व्यवस्था और जेडीयू के विपक्ष में बैठने की मांग को लेकर दिए आवेदन पर फैसले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में जोरदार विरोध देखने को मिला.

सदन में बीजेपी के नेता नंद किशोर यादव बैठक से बाहर चले गए और फिर विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को इन मुद्दों पर फैसला करने के लिए अधिकृत कर दिया गया. विधानसभा में जेडीयू के नेता विजय चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की है कि वह उनकी पार्टी को मुख्य विपक्षी दल का दर्जा दें. पार्टी के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने उनका समर्थन किया.

कुमार ने बैठक के बाद संवादाताओं से कहा, ‘हमने संख्या बल और तथ्य के आधार पर विपक्ष के लिए दावा किया है. हम विश्वास मत प्रस्ताव के विरोध में हैं तो ऐसे में हमें उस दिन विपक्ष का दर्जा दिया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि इसी तरह का आवेदन विधानसभा परिषद में दिया गया है कि जेडीयू को विपक्ष का दर्जा दिया जाए.

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बीजेपी के नंद किशोर यादव ने कहा कि विश्वास मत कैबिनेट के लिए हो रहा है और मांझी को छोड़कर दूसरे सदस्य जेडीयू में बने हुए हैं. ऐसे में जेडीयू विपक्ष में कैसे बैठ सकता है. मांझी को जेडीयू से बाहर किया जा चुका है. मांझी को सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह शामिल नहीं हुए. इसमें जेडीयू, कांग्रेस और सीपीएम के नेता भी शामिल थे. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने मांझी का 15-20 मिनट तक इंतजार किया लेकिन वह नहीं आए.’

- इनपुट भाषा से

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