दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर चर्चा में है. पीएचडी छात्रा के साथ आधी रात को छेड़छाड़ के मामले ने जेएनयू परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है. छात्रा से उस वक्त छेड़छाड़ की गई जब वो परिसर में घूम रही थी.
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) गौरव शर्मा ने बताया कि सोमवार की रात करीब 11.45 बजे पीएचडी की एक छात्रा कैंपस में ईस्ट गेट रोड के पास टहल रही थी, तभी कैंपस के अंदर से एक शख्स बाइक पर सवार होकर आया और उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की. लड़की ने शोर मचाया तो आरोपी भाग गया. इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. आरोपी को पकड़ने के लिए कई टीमें लगातार काम कर रही हैं.
थाने तक नहीं ले जा पाए विरोध मार्च
इस घटना के बाद जेएनयू के छात्रों ने कैंपस में एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला. छात्रों का यह मार्च जेएनयू कैंपस से वसंत कुंज थाने तक जाना था,लेकिन जेएनयू के गेट पर ही दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इसका छात्रों ने विरोध किया इसके बाद भी पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी.
देते रहे हैं विवादित बयान
इससे पहले भी हाल ही में JNU को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में राज्यमंत्री ठाकुर रघुराज सिंह ने विवादित बयान दिया था. रघुराज सिंह ने कहा कि दिल्ली के जेएनयू में सेक्स स्कैंडल चलता है. रघुराज सिंह ने ये बयान अलीगढ़ में अमित शाह की रैली के दौरान मीडिया से बातचीत में दिया था.
'सेक्शुअल हैरेसमेंट से बचने के लिए एडवाइजरी जारी'
वहीं, दिसंबर 2021 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) ने महिलाओं को सेक्शुअल हैरेसमेंट से बचने की सलाह देने के लिए एडवाइजरी भी जारी की थी. इस एडवाइजरी में बताया गया कि लड़कियों को अपने पुरुष मित्रों के बीच एक दूरी बनाकर रखनी चाहिए जिससे ऐसे मामलों की कोई नौबत न आए. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन सहित कई छात्र समूहों ने एडवाइजरी पर विरोध दर्ज किया. AISA ने एक बयान में कहा आईसीसी की यह एडवाइजरी विक्टम ब्लेमिंग की विचारधारा को उजागर करती है. इससे कोई लाभ होने की बजाए जेएनयू महिलाओं के लिए और अधिक असुरक्षित होगा.
बाबरी मस्जिद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन
उधर, 6 दिसंबर 2021 को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी फिर चर्चा में आया था. जेएनयूएसयू (JNUSU) द्वारा बाबरी मस्जिद के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया. इतना ही नहीं, यहां बाबरी मस्जिद के समर्थन में नारे लगे और इसे दोबारा बनाने की मांग भी उठाई गई. जेएनयूएसयू की ओर से 6 दिसंबर की रात एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया. 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद तोड़ी गई थी, जिसके खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया. इस दौरान JNU छात्रसंघ के उपाध्यक्ष साकेत मून और यहां मौजूद लेफ्ट संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग की.