जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी को लेकर मचे घमासान और मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में रविवार को यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों ने ह्यूमन चेन बनाया. जबकि जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर छात्रों की गिरफ्तारी की निंदा की. उन्होंने कहा कि छात्र या शिक्षक कभी भी किसी संविधान विरोधी कृत्य में शामिल नहीं रहे हैं और कैंपस आतंकियों का गढ़ नहीं है.
#JNU teachers & students form a human chain inside the campus in protest against arrest of JNUSU Pres Kanhaiya Kumar pic.twitter.com/kIdZLYBeKv
— ANI (@ANI_news) February 14, 2016
जेएनयू टीचर्स एसोसिएश ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, 'कोई कुछ भी कहे, लेकिन हम कभी भी किसी असंवैधानिक काम में शामिल नहीं रहे हैं. हम यह भी साफ कर देना चाहते हैं कि हम अपनी स्वायत्तता से प्यार करते हैं. जिसे जो कहना है कहे. हम सेक्यूलरिज्म, डेमोक्रेसी और लिबरल स्पेस के साथ हमेशा खड़े हैं. अगर किसी को लगता है कि वो हमें ध्वस्त कर देगा तो ऐसा कभी नहीं होने वाला.'
'जेएनयू को आतंकियों का गढ़ कहना गलत'
शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी की बदनामी के लिए चल रहे कैंपेन की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि जेएनयू में सभी तरह के छात्र पढ़ते हैं. इस कैंपस को एंटी नेशनल कहना गलत है. उन्होंने कहा, 'जेएनयू को आतंकियों का गढ़ कहना गलत है. हमें कोई धमका नहीं सकता. देश में इमरजेंसी के बाद पहली बार कोई स्टूडेंट यूनियन का लीडर गिरफ्तार हुआ है. इमरजेंसी भी हमें बदल नहीं पाई. कैंपस को एंटी नेशनल कहना गलत है. जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन राजद्रोह के आरोपों का विरोध करती है.'
'मामले की आतंरिक जांच हो'
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई अपराधी है तो उसे पकड़कर कानून के हिसाब से सजा दी जानी चाहिए. एसोसिएशन ने इस मामले पर हो रही राजनीति की भी आलोचना की है. एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विक्रमादित्य ने कहा, 'कैंपस में पिछले दिनों जो कुछ हुआ उसकी आंतरिक जांच होनी चाहिए. बिना सोचे-समझे छात्रों की गिरफ्तारी और छापेमारी पर रोक लगनी चाहिए.'
राजनाथ के बयान पर नहीं दी प्रतिक्रिया
विक्रमादित्य ने आगे कहा, 'इस पूरे मामले की आंतरिक तंत्र द्वारा जांच होनी चाहिए. आतंक फैलाने का प्रयास नहीं होना चाहिए. बिना सोचे समझे की जा रही गिरफ्तारियों और छापेमारी पर रोक लगाई जानी चाहिए.' जेएनयू में चल रहे प्रदर्शन को हाफिज सईद का समर्थन होने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि हम किसी भी असंवैधानिक गतिविधि का समर्थन नहीं करते और इससे आगे इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते.
उन्होंने कहा, 'हम किसी भी असंवैधानिक गतिविधि का समर्थन नहीं करते. कैंपस के आंतरिक मामलों का आंतरिक निस्तारण होना चाहिए. गृह मंत्री को ऐसा माहौल नहीं बनाना चाहिए. हमने सुना कि केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजु ने जेएनयू को आतंकियों का अड्डा कहा. ये गलत है, हम इसका विरोध करते हैं.'