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पंखे से लटकता मिला JNU छात्र का शव, आखिरी FB पोस्ट में की थी 'असमानता' की बात

रोहित वेमुला के मौत को अभी मुश्किल से एक साल हुए थे कि होली की शाम जेएनयू के एक और दलित छात्र की आत्महत्या का मामला गरमाता जा रहा है. आपको बता दें कि तमिलनाडु के सेलम जिले के रहने वाले मुथुकृष्णनन जीवानंदम का शव एक दोस्त के घर पंखे से लटकता हुआ मिला था.

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रजनी कृष की फेसबुक प्रोफाइल पिक
रजनी कृष की फेसबुक प्रोफाइल पिक

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रोहित वेमुला के मौत को अभी मुश्किल से एक साल हुए थे कि होली की शाम जेएनयू के एक और दलित छात्र की आत्महत्या का मामला गरमाता जा रहा है. आपको बता दें कि तमिलनाडु के सेलम जिले के रहने वाले मुथुकृष्णनन जीवानंदम का शव एक दोस्त के घर पंखे से लटकता हुआ मिला था. 25 साल की उम्र के मथुकृष्णन जेएनयू में एम. फिल के छात्र थे. अपने आखिरी फेसबुक पोस्ट में उन्होंने असमानता की बात की थी.

10 मार्च को लिखे गए पोस्ट में उन्होंने लिखा है, "एमफिल/पीएचडी प्रवेश में कोई समानता नहीं है. वाइवा में कोई समानता नहीं है. यहां केवस समानता का खंडन है. प्रोफेसर सुखदेव थोरट की सिफारिश से इनकार करते हैं, एड ब्लॉक में छात्रों के विरोध नकारते हैं, मार्जिनल की शिक्षा को नकारते हैं. जब समानता से इनकार किया जाता है तो सब कुछ वंचित हो जाता है."

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परिवार ने सलेम में किया विरोध प्रदर्शन
सलेम में रजनी कृष के परिवार के लोगों ने सोमवार शाम को विरोध प्रदर्शन में सड़क जाम कर अपना रोष प्रकट किया. प्रदर्शन में मुथुकृष्णनन के परिवार के लोग, डीवाईएफआई के सदस्य और विदुथलाई सरुथई के सद्स्य थे. परिवार के लोगों का कहना है कि मुथुकृष्णनन की मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हुई है. इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच की मांग भी की. उन्होंने दलित छात्रों की मौत की भी निंदा और मुआवजे की मांग भी की. उम्मीद की जारी है कि मुथुकृष्णनन का परिवार मंगलवार को दिल्ली पहुंच सकता है. उनके पिता का कहना है कि उनका बेटा कायर नहीं था कि वह आत्महत्या कर ले.

रजनी कृष के नाम से जाने जाते थे मथुकृष्णनन
आपको बता दें कि मुथुकृष्णनन हैदराबाद विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला के लिए न्याय को लेकर चले आंदोलन के भी सक्रिय सदस्य थे. उन्हें लोग उनके अभिनय और कहानियों के चलते जानते थे. मुथुकृष्णनन जीवानंदम ने फेसबुक पर रजनी कृष के नाम से अपना प्रोफाइल बनाई थी. जिस पर वे एक दलित छात्र की कहानी लिख रहे थे.

मुथुकृष्णनन उर्फ रजनी कृष ने कोयबंटूर से बीएड की पढ़ाई की थी जिसके बाद हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने एम. ए. एमफिल. की पढ़ाई पूरी की. वे इससे पहले रोहित वेमुला और उनकी मां राधिका वेमुला के संघर्ष पर एक ब्लॉग भी लिख चुके हैं.

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नहीं मिला सुसाइड नोट
दिल्ली पुलिस के मुताबिक सोमवार शाम पांच बजे पीसीआर कॉल आई थी. कॉल में कहा गया था कि एक छात्र ने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया है. जिसके बाद पुलिस टीम मुनिरिका विहार के एक घर पहुंची. मौके पर पहुंची पुलिस को एक कमरा अंदर से बंद मिला. पुलिस जब दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो शव पंखे से लटकता मिला. क्राइम टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया और फोटोग्राफी भी करवाई.

पुलिस के मुताबिक मुथुकृष्णनन होली के दिन अपने एक दोस्त के घर खाने पर गया था. वहां उसने सोने की बाद कह कर दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था. बाद में जब उसके दोस्तों ने दरवाजा खटखटाया और अंदर से कोई जवाब नहीं आया तो उन्होंने पुलिस को खबर की. पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है लेकिन ये भी कह रही है कि उसे कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

पुलिस का कहना है कि फिलहाल ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिससे इसे विश्वविद्यालय से जोड़ा गया है. वह पिछले कुछ समय से कुछ व्यक्तिगत मसलों के चलते परेशान चल रहा था.

सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस
शेहला राशिद ने इस मामले पर ट्वीट् किया - जेएनयू वीसी हाल ही में एडमिन ब्लॉक में छात्रों और एचसी पर प्रतिबंध लगाए गए विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ अदालत गए थे, रजनी ने अपनी अंतिम पोस्ट में उसी बात को उठाया है.

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सौरभ शर्मा ने ट्विटर पर लिखा- क्यों अराजकतावादी-वामपंथी गिरोह आत्महत्या की हद तक पहुंचने के लिए तत्पर थे? क्या यह आपराधिक साजिश का मामला है? क्या रजनी की हत्या हुई?

अमृता धवन ने भी किया ट्वीट

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