जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. जेएनयू छात्र संघ आज फिर संसद मार्च निकालेगा. मार्च शनिवार सुबह 11 बजे मंडी हाउस से शुरू होकर संसद मार्ग तक जाएगा. इस मार्च में जेएनयू के छात्रों, लेफ्ट संगठन, शिक्षक और पूर्व छात्रों के साथ आम जनता भी जुड़ सकती है. छात्र संघ ने जनता से अपील की है कि वो मार्च में साथ दें.
इससे पहले शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तीन सदस्यीय समिति टीम को जेएनयू कैंपस पहुंची. करीब दो घंटे तक चली बातचीत में उन्होंने छात्रों को समझाने की कोशिश की है कि यूनिवर्सिटी को फंड जेनरेट करने की जरूरत है ताकि इसे बेहतर तरीके से चलाया जा सके. दूसरी ओर छात्र किसी भी कीमत पर हॉस्टल फीस रोलबैक करने की मांग पर अड़े हुए थे.
शिक्षा है सबका अधिकार, मुनाफ़े का व्यापार नहीं।#FeesMustFall #SavePublicEducation pic.twitter.com/bfq5qtYcVv
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) November 22, 2019
मंत्रालय के पास अपनी सिफारिश भेजेगी कमेटी
छात्रों से मीटिंग के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उनकी मुलाकात काफी सकारात्मक रही है. कमेटी के सदस्य वीएस चौहान ने कहा कि इस बातचीत को लेकर सोमवार को वो अपनी सिफारिश मंत्रालय के पास भेज देंगे.
फीस रोलबैक की मांग पर अड़े छात्र
जेएनयू के छात्रों का कहना था कि जेएनयू में ज्यादातर गरीब बच्चे पढ़ते हैं. सरकार फंड जेनरेट करने के लिए कोई दूसरा तरीका अपना सकती है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय की टीम के कैंपस में पहुंचने से पहले प्रशासनिक भवन के बाहर छात्र जमकर नारेबाजी करते रहे.
संसद मार्च के दौरान पुलिस ने छात्रों पर किया था लाठीचार्ज
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जेएनयू के छात्रों ने सोमवार को संसद तक मार्च निकालने की कोशिश की थी. छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने कैंपस के बाहर धारा-144 लागू कर दिया था. इसके बाद पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई. बेरिकेडिंग तोड़कर छात्र संसद की तरफ बढ़ने लगे. इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज किया था. इस दौरान कई छात्र घायल हो गए थे. पुलिस की बर्बरता के खिलाफ भी जेएनयू छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.