नोटबंदी के बाद जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने की अपील की है, उसे देखते हुए अब जेएनयू भी पूरी तरह कैशलेस होने की राह पर आगे बढ़ रहा है.
जेएनयू में सोमवार से दो दिवसीय फाइनेंसियल डिजिटल लिटरेसी कैम्पेन आयोजित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जेएनयू प्रशासन, छात्र, स्टाफ, शिक्षक सभी किसी भी तरह के भुगतान के लिए कैश का इस्तेमाल नहीं करेंगे.इसका अर्थ हुआ कि छात्रों के फीस, फाइन या डिपॉजिट कैश में स्वीकार नहीं किया जाएगा, तो वहीं जेएनयू प्रशासन शिक्षकों और स्टाफ की सैलरी, वेंडर्स की पेमेंट सभी डिजिटल माध्यम से करेंगे.
जेएनयू के वीसी प्रोफेसर एम. जगदीश के मुताबिक, जेएनयू का कोई भी छात्र या कर्मचारी, यहां तक की कैंपस में मौजूद दुकानें और ढाबे इन सभी को कैशलेस भुगतान के लिए प्रेरित किया जा रहा है. जेएनयू की एनएसएस यूनिट इन दो दिनों में कैंपस के छोटे-बड़े सभी दुकानदारों से मिलकर उन्हें कैशलेस भुगतान के फायदे गिनाएगी.
इसके साथ ही सभी छात्रों से अपील की गई है कि वह ऐसे 10 घर चुने, जिन्हें डिजिटल पेमेंट के तरीके नहीं मालूम हैं और उन्हें क्रेडिट-डेबिट कार्ड के जरिये पेमेंट, USSD, मोबाइल वॉलेट, प्रीपेड कार्ड के इस्तेमाल तरीके सिखाएं.
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने डिजिटल इकॉनमी पर जोर देते हुए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में वित्तीय साक्षरता अभियान की शुरुआत की है. एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर खुद कई विश्वविद्यालयों में इस कैम्पेन के जरिये युवाओं से रू-ब-रू हो चुके हैं. हाल ही में जावड़ेकर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज में करीब एक हज़ार छात्रों को इस कैम्पेन के जरिये 'Agents of Change' बनने की अपील की थी.