दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से लापता छात्र नजीब अहमद केस में सीबीआई की लाई डिटेक्टर टेस्ट से संबंधित याचिका को मंजूरी मिल गई है. पटियाला हाउस कोर्ट में सीबीआई ने लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए छात्रों की सहमति मांगने की याचिका पर जल्दी सुनवाई की अपील की थी. जिसे कोर्ट ने मान लिया है.
वहीं दूसरी तरफ कोर्ट ने इन छात्रों से भी सीबीआई की मांग पर जवाब मांगा है. ये सभी छात्र जेएनयू के हैं. इनमें ज्यादातर बीजेपी समर्थित छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़े हैं.
25 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट से इन छात्रों के पॉलीग्राफी टेस्ट की डिमांड की थी. इससे एक दिन पहले सीबीआई ने सभी नौ छात्रों को समन जारी कर कोर्ट आने को कहा था. सीबीआई ने बाकायदा कोर्ट को पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए छात्रों की सूची दी थी.
हालांकि, इससे पहले इस मामले में नजीब की मां की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई की तरफ से मामले की जांच में 'दिलचस्पी का पूरी तरह अभाव' रहा है.
जेएनयू के माही-मांडवी हॉस्टल में 14 अक्टूबर 2016 को छात्र नजीब से कुछ एबीवीपी छात्रों की झड़प का मामला सामने आया था. झगड़े की अगली सुबह 15 अक्टूबर को नजीब कैंपस से लापता हो गया था. जिसके बाद उसके घरवालों ने एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस ने लंबे समय वक्त मामले की जांच की, लेकिन उसे नजीब का कोई सुराग नहीं मिला. जिसके बाद हाई कोर्ट ने केस की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था. बता दें कि एक साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी नजीब का कोई सुराग नहीं मिला है. नजीब का पता बताने पर 10 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया है.