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JNU में प्रदर्शनों से परेशान स्थानीय, पीएम को लिखा पत्र, बोले- हमारे घरों में टॉयलेट करने आते हैं लोग

जेएनयू में होने वाले विरोध प्रदर्शनों ने इलाके के लोगों को मुसीबत में डाल दिया है. इस संबंध में स्थानीय लोगों ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. इसमें कहा है कि अजनबी लोग शौचालय का उपयोग करने के लिए उनके दरवाजों पर दस्तक दे रहे हैं. इतना ही नहीं कुछ लोग तो खुले में शौच कर रहे हैं. इससे पूरे क्षेत्र में बदबू फैल रही है.

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जेएनयू में प्रोटेस्ट की फाइल फोटो
जेएनयू में प्रोटेस्ट की फाइल फोटो

जेएनयू (Jawaharlal Nehru University) में विरोध प्रदर्शन और इसको देखते हुए पुलिस कर्मियों की तैनाती एक सामान्य घटना बन गई है. इससे इलाके के लोगों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है. इसी संबंध में सीनियर सिटीजन फोरम ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है. इसमें शौचालय के निर्माण और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की मांग की है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि जेएनयू में होने वाले विरोध प्रदर्शनों ने मुनिरका विहार में मुसीबत खड़ी कर दी है. लोग शौचालय का उपयोग करने के लिए दस्तक दे रहे हैं. इसमें मीडियाकर्मी और पुलिसकर्मी हैं. लोगों का कहना है कि कुछ लोग तो खुले में शौच कर रहे हैं. इससे पूरे क्षेत्र में बदबू फैल रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस मामले में अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि मुनिरका विहार में डीडीए के फ्लैट ज्यादातर केंद्र सरकार के कर्मचारियों को आवंटित किए गए थे. इसमें अधिकांश निवासी वरिष्ठ नागरिक हैं. विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति बेहद खराब हो गई है.

आरोप है कि सार्वजनिक सुविधा बूथ (शौचालय) नहीं होने से विश्वविद्यालय के बाहर तैनात पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी अक्सर शौच करने के लिए उनके दरवाजे खटखटाते हैं. इतना ही नहीं कुछ लोग तो खुले में शौच करते हैं. एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए सीनियर सिटीजन फोरम के सदस्य पी एन मल्होत्रा ने कहा कि कई बार इस बाबत अधिकारियों से चिंता व्यक्त की गई, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है.

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कहा कि ये भी सच है कि सुविधाजनक बूथ नहीं होने के कारण महिला पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पुरुष तो खुले में शौच कर लेते हैं लेकिन विश्वविद्यालय के बाहर मौजूद रहने वाली महिला पत्रकारों के पास हमारे दरवाजे पर दस्तक देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

मल्होत्रा ​​ने कहा, "हम उनकी मदद करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हम असुरक्षित भी महसूस करते हैं. क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाना और सुविधा बूथ बनाना आवश्यक है." एक अन्य निवासी ने कहा कि जेएनयू गेट के बाहर सार्वजनिक सुविधा बूथ बनाया जाना चाहिए, क्योंकि यहां अक्सर विरोध प्रदर्शन होता रहता है, जो कि कई दिनों तक चलता है.  

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सीनियर सिटीजन फोरम ने कहा है, "दिल्ली में हमारा पुलिस बल वीआईपी, वरिष्ठ नागरिकों और निवासियों की सुरक्षा के लिए दिन-रात काम करता है. पुलिस बल प्रशंसा और प्रोत्साहन के पुरस्कार का हकदार है." इस पत्र में लोगों की अन्य मांगों जैसे खुली नालियों को ढकने और वेंडरों के सत्यापन का भी जिक्र किया गया है. साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग भी की गई है.

 

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