जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर दिल्ली के हिंसा पीड़ितों को आश्रय देने का फैसला किया है. इस पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार की ओर कड़ी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी जारी की गई है. बता दें, छात्र संघ ने 'प्रशासनिक चेतावनी से ऊपर 'इंसानियत' को बताते हुए हिंसा पीड़ितों की मदद का आह्वान किया है.
जेएनयू छात्र संघ ने यह भी कहा है कि 'सरकारी उत्पीड़न के शिकार पीड़ितों (विक्टिम्स ऑफ स्टेट ऑपरेशन)' की मदद के लिए यूनिवर्सिटी के दरवाजे हमेशा के लिए खुले हैं. उधर शुक्रवार को जारी एक नोटिस में जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने हिंसा के पीड़ितों को आश्रय देने में शामिल पाए गए छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी. बता दें, दिल्ली हिंसा में अब तक कम से कम 41 लोगों की जान चली गई है और 200 से अधिक लोग घायल हैं.
छात्रसंघ और प्रशासन में खींचतान
जेएनयू छात्र संघ ने एक ट्वीट में लिखा है, जेएनयू 1984 (सिख विरोधी हिंसा) में भी आश्रय देने के लिए आगे आया था और आज भी आश्रय देने के लिए खुला है. 'सरकारी उत्पीड़न के शिकार पीड़ितों (विक्टिम्स ऑफ स्टेट ऑपरेशन)' को आश्रय देने के लिए यह हमेशा खुला रहेगा. इस अपील के बाद जेएनयू प्रशासन ने छात्र संघ को ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ चेतावनी जारी की है. इस कदम ने अब छात्रसंघ और प्रशासन के बीच चल रही खींचतान को एक और नया मोड़ दिया है. रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है, "आपके पास जेएनयू कैंपस को शेल्टर होम बनाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है."
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मदद सामग्री बांटने की अपील
जेएनयू प्रशासन ने छात्रों को ऐसा करते हुए पाए जाने पर अनुशासनात्मक चेतावनी भी दी है. इस बीच, जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि छात्र जेएनयू में सामान जुटा सकते हैं ताकि हिंसा पीड़ितों के बीच उसे बांटा जा सके. इसमें जेएनयू प्रशासन उनकी मदद के लिए तैयार है. जगदीश कुमा ने जेएनयू में 5 जनवरी की हिंसक घटना को याद करते हुए कहा, जेएनयू के कुछ छात्रों ने कहा है कि जेएनयू बाहरी लोगों (हिंसा पीड़ितों) को आश्रय देने के लिए खुला है. ये वही छात्र हैं जिन्होंने (कहा था) कि पिछले महीने कैंपस में हुई घटनाओं के लिए बाहरी लोग ज़िम्मेदार थे. जगदीश कुमार ने कहा, विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए छात्रों की सुरक्षा और संरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है.
सोशल मीडिया पर पोस्टर वायरल
हिंसा पीड़ितों को आश्रय देने के प्रस्ताव पर जारी नोटिस में कहा गया है, "आपको ऐसी किसी भी गतिविधि के खिलाफ कड़ाई से सलाह दी जाती है, जिसमें विफल रहने पर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. आपको यह भी सलाह दी जाती है कि जेएनयू जैसे शैक्षणिक संस्थान को अध्ययन और शोध के लिए एक अनुकूल स्थान बनाए रखने की जरूरत को बरकरार रखें."
बुधवार को छात्रसंघ ने सोशल मीडिया पर पोस्टर साझा करते हुए ऐलान किया कि 'जेएनयू आश्रय लेने के लिए खुला है' और ऐसा कहते हुए उन्होंने कैंपस के अंदर दिल्ली हिंसा पीड़ितों को आश्रय लेने के लिए बुलाया. हालांकि प्रशासन के उक्त नोटिस से छात्रसंघ नाराज हो गया है और बदले में उन्होंने दावा किया है कि जेएनयू हिंसा पीड़ितों के लिए खुला रहेगा.
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