जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की छात्र नेता आइशी घोष ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी की एक सड़क को विनय दामोदर सावरकर मार्ग का नाम दिया गया है जो यहां की विरासत के लिए शर्म की बात है. आइशी घोष ने प्रशासन के इस कदम की निंदा की है. आइशी घोष के मुताबिक, सुबनसीर हॉस्टल की तरफ जाने वाली सड़क का नाम वीडी सावरकर मार्ग दिया गया है. उन्होंने एक ट्वीट में इस वाकये का जिक्र किया है.
It's a shame to the legacy of JNU that this man's name has been put in this university.
Never did the university had space for Savarkar and his stooges and never will it have !#RejectHindutva@ndtv @BhimArmyChief @RanaAyyub @SFI_CEC @ttindia @IndiaToday pic.twitter.com/Q81PSkkpzq
— Aishe (ঐশী) (@aishe_ghosh) March 15, 2020
जेएनयू की छात्र नेता आइशी घोष ने एक ट्वीट में लिखा है, यह जेएनयू की विरासत के लिए शर्म की बात है कि इस व्यक्ति (सावरकर) का नाम इस यूनिवर्सिटी में दिया गया है. आइशी घोष ने आगे लिखा, सावरकर और उनके लोगों के लिए यूनिवर्सिटी में न पहले कोई जगह थी, न कभी होगी.
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एक ऐसा ही मामला दिल्ली यूनिवर्सिटी में पिछले साल अगस्त में सामने आया था. डीयू छात्र संघ अध्यक्ष शक्ति सिंह ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की मंजूरी के वीर सावरकर, भगत सिंह और सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित कराई थी. इसे लेकर डीयू में हंगामा हो गया था. इसी क्रम में वाम संगठन ने वीर सावरकर को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसे पुलिस ने बंद कराने का प्रयास किया. इस पर छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई और पुलिस ने वाम छात्र संगठन के दो छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
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इससे पहले जेएनयू में 5 जनवरी की शाम नकाबपोश लोगों ने हॉस्टल में घुसकर हमला कर दिया था. इस हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने छात्रों की तस्वीर जारी की है. इसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 9 का नाम शामिल है. इस हिंसा मामले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष का नाम आने पर उन्होंने कहा कि मुझे देश की कानून- व्यवस्था पर भरोसा है. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि जांच निष्षक्ष होगी, मुझे न्याय मिलेगा. वहीं आइशी ने दिल्ली पुलिस पर सवाल भी उठाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है? आइशी ने कहा कि मैंने जो शिकायत की वह एफआईआर के रूप में दर्ज नहीं की गई, मैंने कोई मारपीट नहीं की.