एक तरफ जहां हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या पर पूरे देश में उबाल है, वहीं अब इसकी लपटें देश की राजधानी में स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी तक भी आने लगी हैं. जेएनयू के एक छात्र ने यूनिवर्सिटी के वीसी को दो चिट्ठियां लिखकर अपनी रिसर्च ग्रांट दोबारा चालू ना होने पर आत्महत्या कर लेने की धमकी दी है.
छात्र ने वीसी को लिखे लेटर में मांग की है कि एक हफ्ते के भीतर उसकी फेलोशिप दोबारा से शुरू की जाए. उसका यह भी आरोप है कि विभाग उसकी पीएचडी ब्लॉक करने की कोशिश कर रहा है. इस मामले पर यूनिवर्सिटी के इग्जामिनेशन कंट्रोलर एच शर्मा का कहना है कि उस छात्र की सीनियर रिसर्च फेलोशिप का एक्सटेंशन इसलिए रुका है क्योंकि वो वित्त अधिकारी से क्लीयरेंस नहीं हासिल कर पाया है.
वहीं इस मसले पर वीसी एसके सोपोरी का कहना है कि इस मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और यूनिवर्सिटी के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर से छात्र पर निगाह रखने के लिए कह दिया गया है. इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन (ORG) डिवीजन CIPOD के साथ इस रिसर्चर को ब्रसेल्स, बेल्जियम की ट्रिप के लिए 66,000 रुपए का एडवांस पेमेंट मिला था.
शर्मा बताते हैं कि 'उसे अपनी फेलोशिप जारी रखने के लिए यह एडवांस रकम वापस करनी थी. लेकिन पैसे वापस नहीं किए गए. इसके अलावा छात्र ने दिसंबर 2013 से जुलाई 2015 के बीच में खुद को जेनयू स्टूडेंट के रूप में डि-रजिस्टर भी कर लिया था.'