scorecardresearch
 

JNU केसः चार्जशीट पर दिल्ली सरकार ने कोर्ट से मांगा 2 महीने का वक्त

JNU sedition case  कोर्ट दिल्ली पुलिस और सरकार के रवैये को लेकर बेहद नाखुश है. इस मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से 3 साल के बाद जनवरी में चार्जशीट दाखिल की गई थी. लेकिन चार्जशीट दाखिल होने के 2 महीने बाद भी कोर्ट उस पर संज्ञान नहीं ले पाया है.

Advertisement
X
उमर खालिद और कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)
उमर खालिद और कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)

Advertisement

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान समेत अन्य के मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर अपना पक्ष रखने के लिए केजरीवाल सरकार ने कोर्ट से 2 महीने का वक्त मांगा है. पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखा. दिल्ली सरकार के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें 2 महीने का वक्त यह तय करने के लिए चाहिए कि दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर वह अपना अप्रूवल दे या फिर उसे रिजेक्ट करे.

हालांकि कोर्ट दिल्ली पुलिस और सरकार के रवैये को लेकर बेहद नाखुश है. इस मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से 3 साल के बाद जनवरी में चार्जशीट दाखिल की गई थी. लेकिन चार्जशीट दाखिल होने के 2 महीने बाद भी कोर्ट उस पर संज्ञान नहीं ले पाया है. क्योंकि दिल्ली सरकार की तरफ से इसको हरी झंडी नहीं मिली है. इसी कारण से इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी न तो आरोप तय हो पाए हैं और न ही मामले का ट्रायल शुरू हो सका है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि मामले से जुड़े तमाम वीडियो कोर्ट को सुपुर्द किए जाएं ताकि उन्हें देख कर मुकदमा शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो. इस मामले में कोर्ट अब अगली सुनवाई 27 मार्च को करेगा.

Advertisement

दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान के अलावा 7 कश्मीरी छात्रों को आरोपी बनाया गया है. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि या तो इन लोगों ने जेएनयू में देशद्रोही नारे लगाए या जिन लोगों ने नारे लगाए, ये उनका सहयोग कर रहे थे. पुलिस ने कोर्ट को 56 ऐसे छात्रों की सूची भी दी थी जिनके खिलाफ सीधे आरोप तो नहीं हैं लेकिन पुलिस को शक है कि वह देश विरोधी नारे लगाने में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे.

दिल्ली सरकार की तरफ से तकरीबन 2 महीने का वक्त और कोर्ट से लेने के बाद यह साफ हो गया है कि इस मामले में ट्रायल शुरू होने में कुछ और वक्त लग सकता है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में सरकार पर आरोप लगाया है कि वह लगातार मामले को और लंबा खींचने के लिए समय ले रही है. ऐसे में मुमकिन है कि अगली सुनवाई पर जेएनयू में घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग को देख कर कोर्ट ही मामले की जल्द सुनवाई के लिए कोई निर्णय ले.

Advertisement
Advertisement