देशद्रोह के मामले में जमानत पर रिहा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र उमर खालिद को तबीयत बिगड़ने के बाद सोमवार तड़के एम्स ले जाया गया. उमर पिछले 11 दिनों से भूख हड़ताल कर रहे थे, जिस कारण उनके शरीर में शुगर, सोडियम और पोटेशियम के स्तर में काफी गिरावट आ गई थी. उन्होंने स्वास्थ्य खराब होने के कारण भूख हड़ताल वापस ले ली है.
नौ फरवरी के विवादित कार्यक्रम में उमर खालिद के शामिल रहने पर जेएनयू ने उन्हें सेमेस्टर के लिए निष्कासित कर दिया था. विश्वविद्यालय प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ वह और कई अन्य छात्र भूख हड़ताल कर रहे हैं. सोमवार को हड़ताल का 12वां दिन है.
13 छात्र अभी भी कर रहे हैं भूख हड़ताल
जेएनयू छात्र संघ ने एक बयान में कहा है, 'तेजी से गिरते स्वास्थ्य के कारण उमर खालिद को अपनी भूख हड़ताल समाप्त करने पर विवश होना पड़ा. उनके खून में सोडियम-पोटेशियम स्तर में कमी के कारण रविवार मध्यरात्रि के बाद एम्स ले जाया गया.' अब तक जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित सात छात्रों ने भूख हड़ताल वापस ले ली है, जबकि 13 अन्य अभी भी अपनी हड़ताल जारी रखे हुए हैं.
प्रशासन ने बातचीत के लिए आगे आने को कहा
जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए), विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और परिसर में रहने वाली माताएं भूख हड़ताल कर रहे छात्रों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग एक दिन की भूख हड़ताल कर रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से बाहरी लोगों को परिसरों में नहीं बुलाने की अपील की है और अपनी मांगों को संवैधानिक तरीके से रखने का आग्रह किया है.
किस-किस को मिली सजा
नौ फरवरी के कार्यक्रम को लेकर देशद्रोह के मामले में कन्हैया, उमर और अनिर्बान भट्टाचार्य को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था. वे अभी जमानत पर रिहा हैं. कन्हैया पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि उमर, अनिर्बान और एक कश्मीरी छात्र मुजीब गट्टू को अलग-अलग समयावधि के लिए निष्कासित कर दिया गया है. 14 छात्रों पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है. दो छात्रों को छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है और विश्वविद्यालय ने दो पूर्व छात्रों के परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है.
ABVP के सौरभ पर भी जुर्माना
इसके साथ ही यातायात रोकने के लिए जेएनयू छात्र संघ में एबीवीपी के एकमात्र सदस्य सौरभ पर भी 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सौरभ सहित एबीवीपी के पांच सदस्य भी भूख हड़ताल कर रहे थे, जिन्होंने जेएनयू प्रशासन से अपनी मांगों पर विचार करने के बारे में आश्वासन मिलने का दावा करते हुए पिछले सप्ताह अपना अनशन वापस ले लिया.