जेएनयू में हाल ही में हुई हिंसा के बाद बाद यूनिवर्सिटी की वीसी का बयान सामने आया है. वीसी शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि मैं जनता की इस धारणा को ठीक करना चाहती हूं कि हम 'टुकड़े-टुकड़े...' हैं. ऐसा कुछ भी नहीं है. पदभार संभालने के बाद मैंने किसी को भी इस तरह की बात करते नहीं देखा.
उन्होंने कहा कि जेएनयू एक स्वतंत्र विश्वविद्यालय है. हम व्यक्तियों की पसंद का सम्मान करते हैं. युवा लोगों की राय है और हम विविधता और असहमति की सराहना करते हैं. लेकिन इसे हिंसा के जरिये खत्म नहीं होने देंगे.
वीसी ने कहा कि रामनवमी हवन किया जाए या नहीं और खाने के मेन्यू को लेकर विवाद खड़ा हो गया. ये दो ग्रुप्स के बीच का मामला है. प्रॉक्टोरियल जांच का आदेश दिया गया था और हम रिपोर्ट इंतजार कर रहे हैं, यह एक निष्पक्ष जांच होगी. उन्होंने कहा कि 16 हॉस्टल में रामनवमी पूजा थी और नॉन वेज भोजन भी परोसा जाता था. यह अजीब बात है कि यह मुद्दा केवल एक छात्रावास में उठा है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कुछ महीनों की शांति का माहौल कुछ लोगों को पसंद नहीं आया, इसलिए पूरा मामला शुरू हुआ. वीसी ने कहा कि हमने प्रॉक्टर स्तर की जांच शुरू कर दी है कि क्या हुआ और हम रिपोर्ट को सार्वजनिक भी करेंगे. उन्होंने कहा कि मांसाहार एक गैर मुद्दा है, जेएनयू में हर किसी को उनके मन मुताबिक खान पान का अधिकार है. यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है.
वीसी शांतिश्री ने कहा कि मैं मानती हूं कि जेएनयू की छवि खराब करने के लिए एक गिरोह सक्रिय है. जहां तक संवाद का सवाल है, मुझे लगता है कि छात्र आपको आधा सच बता रहे हैं, मैं संवाद का समर्थन करती हूं और मैं दोनों पक्षों से मिली हूं. घटना वाले दिन भी मैं छात्रावास गई थी.
क्या है मामला
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार को छात्र संगठन एबीवीपी और लेफ्ट कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प हो गई. बताया जा रहा है कि झड़प यूनिवर्सिटी के कावेरी हॉस्टल में हुई. इसमें दोनों संगठनों के छात्र घायल हुए. जानकारी के मुताबिक, ये पूरा विवाद रामनवमी की पूजा और नॉनवेज विवाद को लेकर हुआ. विवाद के बाद जेएनयू के कैंपस के गेट को बंद कर दिया गया.