जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के मसले पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दिल्ली पुलिस को वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़े लोगों के फोन जब्त करने का आदेश दिया है, साथ ही समन कर पूछताछ करने को भी कहा है. पांच जनवरी को दिल्ली के JNU में हुई हिंसा के बाद कुछ वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर उपलब्ध थे, जिसको लेकर भी अदालत ने टिप्पणी की है.
मंगलवार को जब अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई तो अदालत ने दो वॉट्सऐप ग्रुप ‘फ्रेंड्स ऑफ RSS’ और ‘यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट’ वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़े लोगों के फोन जब्त करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं अदालत ने इन ग्रुप से जुड़े लोगों को समन भेजकर पूछताछ करने को कहा है.
Delhi High Court asks Delhi Police to summon the witness and seize mobile phones of the members of the two WhatsApp groups - 'Friends of RSS' and 'Unity against Left' https://t.co/QJ9vZ2H7VF
— ANI (@ANI) January 14, 2020
इसके साथ ही अदालत की ओर से गूगल, वॉट्सऐप को नोटिस दिया गया है और हिंसा से जुड़े वीडियो का डेटा सेव करने को कहा है. अदालत ने दोनों कंपनियों को कहा है कि वह सभी यूजर्स की ईमेल आईडी, सब्सक्राइबर इन्फॉर्मेशन से जुड़ी सभी जानकारी भी दे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी को आदेश दिया है कि वह पुलिस को कैंपस के अंदर की सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराए, ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके.
JNU में हुई थी हिंसा
आपको बता दें कि 5 जनवरी को JNU में प्रदर्शन के दौरान कुछ नकाबपोश हमलावरों ने कैंपस में घुसकर तोड़फोड़ की थी. इस दौरान छात्रों पर हमला किया गया, शिक्षकों को भी निशाना बनाया गया. इस हिंसा के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया था, वॉट्सऐप के जरिए हमलावरों को इकट्ठा किया गया था.
अदालत में ये याचिका जेएनयू प्रोफेसर अमीत परमेश्वरन, अतुल सूद और विनायक शुक्ला के द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें अदालत से दिल्ली सरकार और पुलिस कमिश्नर को जरूरी आदेश देने को कहा है.