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JNU: व्हाट्सऐप ग्रुप और 50 लोगों की पहचान हुई, हिंसा में शामिल थे 10 बाहरी लोग

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जेएनयू हिंसा मामले में अब तक 50 लोगों की पहचान कर ली है. क्राइम ब्रांच ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप की भी पहचान की है, जिसमें 60 लोग शामिल थे.

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जेएनयू में तोड़फोड़
जेएनयू में तोड़फोड़

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  • दिल्ली पुलिस ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप और 50 लोगों की पहचान की
  • लेफ्ट और राइट, दोनों ग्रुप पर बाहरी लोगों की मदद लेने का आरोप

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की विशेष जांच टीम (SIT) ने अब तक 50 लोगों की पहचान कर ली है. एसआईटी ने 'यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट' नाम के एक व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए 37 लोगों की पहचान की है, जबकि 9 लोगों की पहचान पोस्टर से की गई है. इसके अलावा चार और लोगों की पहचान की गई है. एसआईटी ने जिस व्हाट्सऐप ग्रुप की पहचान की है, उसमें कुल 60 सदस्य शामिल थे.

सूत्रों के मुताबिक इस ग्रुप में करीब 10 ऐसे लोग शामिल थे, जो कैंपस से संबंध नहीं रखते थे यानी कि बाहरी थे. जांच के दौरान SIT को पता चला है कि दोनों ग्रुप यानी लेफ्ट और राइट ने हिंसा में बाहरी लोगों की मदद ली.

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जेएनयू के छात्रों ने ही बाहरी उपद्रवियों को कैंपस में एंट्री करवाई थी. इसमें जेएनयू के सिक्योरिटी गार्ड भी शक के दायरे में हैं. वायरल वीडियो के आधार पर जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत कुल नौ लोगों की पहचान हुई है. इनके खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और फॉरेंसिक तथ्य जुटाए जा रहे हैं. बाद में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.

डीसीपी ने पांच जनवरी को हुए हमले के सिलसिले में कहा कि विश्वविद्यालय के पेरियार छात्रावास के कुछ खास कमरों को निशाना बनाया गया. पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि आइशी घोष समेत कुछ लोगों ने हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया.

दिल्ली पुलिस सार्वजनिक करे साक्ष्य: आइशी घोष

हमले में घायल हुईं आइशी घोष ने पुलिस के सभी आरोप को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'हमलोग दिल्ली पुलिस से नहीं डर रहे हैं. हमने कुछ गलत नहीं किया है. हमलोग कानून के साथ आगे भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.'

पुलिस ने क्या कहा?

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी की और दावा किया कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष उनमें से एक थीं.

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पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं जबकि दो दक्षिणपंथी छात्र संगठन से जुड़े हैं.

अपराध शाखा के उपायुक्त जॉय तिर्की ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एक जनवरी से पांच जनवरी के बीच काफी संख्या में छात्र शीतकालीन सेमेस्टर में पंजीकरण कराना चाहते थे लेकिन वामपंथी झुकाव वाले संगठन उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहे थे.

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पुलिस ने बताया, 'जेएनयू में हमला करने वाले नौ संदिग्ध हमलावरों की पहचान हो गई है. जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कुछ लोगों ने पांच जनवरी को पेरियार छात्रावास में छात्रों पर हमला किया. बड़ी संख्या में छात्र शीत सेमेस्टर के लिये पंजीकरण कराना चाहते थे लेकिन छात्र निकायों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया. हमले में पेरियार छात्रावास में कुछ खास कमरों को निशाना बनाया गया.'

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