जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए चुनचुन कुमार और दोलन सामंता को बुलाया है. इस बीच बुधवार को हिंसा की जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब की टीम भी कैंपस पहुंच रही है. दूसरी ओर, इस मामले में नाम आने पर अक्षत अवस्थी, रोहित शाह और कोमल शर्मा का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने आरोप लगाया है कि जेएनयू में 5 जनवरी को हुए हमले में वामपंथी छात्र संगठनों का हाथ है. उसने दावा किया कि यह हमला पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा था. एबीवीपी ने अपने दावों की पुष्टि के लिए 8 वीडियो भी जारी किए और मांग की कि इस मामले की जांच हो.
जेएनयू प्रशासन ने दावा किया है कि अब जेएनयू में पूरी तरह से शांति बहाल की जा चुकी है. इसके साथ ही प्रशासन का दावा है कि 14 जनवरी से जेएनयू के सभी शैक्षणिक व प्रशासनिक केंद्रों में सामान्य कामकाज शुरू हो गया है. हालांकि प्रशासन के इस दावे के ठीक विपरीत छात्रों ने जेएनयू में एक जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई. छात्रों की जनरल बॉडी मीटिंग में एक बार फिर जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार के बहिष्कार का प्रस्ताव पास किया.
जनरल बॉडी की मीटिंग में यह भी तय किया गया कि छात्रसंघ आगे की लड़ाई के लिए कोई कानूनी रास्ता इख्तियार करे. छात्रों का मानना है की पढ़ाई अनिश्चितकालीन अवधि के लिए निलंबित नहीं की जा सकती. इसलिए छात्र बढ़ी हुई फीस वह हॉस्टल चार्जेज में वृद्धि का मुद्दा कानूनी तौर पर हल करना चाहते हैं. छात्रों का कहना है की कुलपति के खिलाफ भी कानूनी विकल्प तलाशने चाहिए.(आईएएनएस से इनपुट)