scorecardresearch
 

JNU में बवाल...जामिया में प्रदर्शन, दिल्ली दंगों की आरोपी सफुरा जरगर ने भी लिया हिस्सा

JNU में हुई हिंसा के खिलाफ कावेरी हॉस्टल के छात्रों ने एक बयान जारी किया है. वहीं दूसरी तरफ जामिया यूनिवर्सिटी में भी इस हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया गया है. दिल्ली दंगों की आरोपी सफुरा जरगर ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

Advertisement
X
दिल्ली दंगों की आरोपी सफुरा जरगर
दिल्ली दंगों की आरोपी सफुरा जरगर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कावेरी हॉस्टल में नॉन वेज खाने को लेकर विवाद
  • हॉस्टल छात्र बोले- मामले को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास

दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर जंग का अखड़ा बन गई है. इस बार नॉन वेज खाने और हवन को लेकर बवाल मचा है. एबीवीपी और लेफ्ट के छात्र एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. इस विवाद का सबसे बड़ा केंद्र बना जेएनयू का कावेरी हॉस्टल, जहां पर सबसे ज्यादा बवाल हुआ है. 

Advertisement

जामिया में जेएनयू हिंसा पर प्रदर्शन

अब जेएनयू में शुरू हुए विवाद का असर दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में दिखने लगा है. वहां पर प्रदर्शनकारियों द्वारा जमकर नारेबाजी की गई है, सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की गई है. प्रोटेस्ट में एबीवीपी, पीएम और गृह मंत्री के खिलाफ भी नारे लगे हैं. प्रोटेस्ट तो जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में था, लेकिन प्रोटेस्ट के दौरान ये दलीलें दी गईं कि देश भर में मुस्लिमों पर हमले हो रहे हैं और खाने-पहनने पर रोक टोक लगाई जा रही है.

दिल्ली दंगों की साजिश की आरोपी सफुरा जरगर भी शामिल

इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली दंगों की साजिश की आरोपी सफुरा जरगर भी नजर आईं. उन्होंने ही इस प्रदर्शन का आयोजन किया था. जानकारी के लिए बता दें कि JNU में लेफ्ट और राइट की भिड़ंत के बाद, मंगलवार जामिया यूनिवर्सिटी में प्रोटेस्ट का एलान किया गया था, वक्त तकरीबन एक बजे का था, लेकिन विरोध प्रदर्शन 2 बजे शुरू हुआ, प्रोटेस्ट कैंपस के अंदर तक ही सीमित रहा, क्योंकि कैंपस के बाहर भारी फोर्स तैनात थी. हालांकि इस प्रोटेस्ट को जामिया यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट का बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिला और प्रोटेस्ट में 30 से 40 लोग ही शामिल हुए.

Advertisement

कावेरी हॉस्टल के छात्रों ने क्या बताया?

वहीं दूसरी तरफ जेएनयू में हुई हिंसा पर अब कावेरी हॉस्टल के मुस्लिम छात्रों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सभी ने एक सुर में हिंसा की निंदा की है और मामले को सांप्रदायिक ना बनाने की अपील की है. बयान में कहा गया है कि कावेरी हॉस्टल का एक इतिहास है जहां पर सभी धर्म के छात्र साथ मिलकर रहते हैं. ऐसे में अब जो भी लोग इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें रोकना हमारा फर्ज है.

इसके आलावा, छात्रों ने अब नॉनवेज खाना परोसे जाने पर भी खुलकर बात की है. उनकी नजरों में कब क्या खाना दिया जाएगा, इसका फैसला लोकत्रांतिक तरीके से मेस द्वारा लिया जाता है. मेन्यू पर भी पाबंदियां लगाने का सीधा मतलब ये होगा कि मेस कमेटी की स्वतंत्रता पर चोट की जा रही है. इस मामले में एबीवीपी के लोगों ने ऐसा ही कुछ प्रयास किया था.

नॉन वेज विवाद पर क्या सफाई?

कावेरी हॉस्टल के छात्रों ने ये दावा भी किया है कि उनके वहां पर राम नवमी की पूजा और इफ्तार हमेशा साथ-साथ आयोजित होता है. हर कोई एक दूसरे को उनके त्योहार की बधाई देता है और कभी कोई विवाद नहीं होता. बातचीत के दौरान कावेरी हॉस्टल के छात्रों ने इस बात का भी जिक्र किया कि वहां पर सभी धर्म के साथ ज्यादातर छात्र नॉन वेज खाना पसंद करते हैं. मुस्लिम छात्र तो सिर्फ 21-23% ही हैं. अभी के लिए हॉस्टल के छात्र कह रहे हैं कि सभी मुद्दों पर बातचीत के जरिए हल निकाला जाएगा और तनाव को कम करने का प्रयास रहेगा.

Advertisement

इस बीच, JNUSU के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि अभी तक वीसी द्वारा छात्रों की परेशानी को नहीं सुना गया है. उनके मुताबिक मांग के बावजूद, मिलने का समय भी नहीं दिया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीसी ही बातचीत नहीं करना चाहते हैं.

Advertisement
Advertisement