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JNU के VC बोले- घटना निंदनीय, शुरू हो गया है सर्वर, स्टूडेंट कराएं रजिस्ट्रेशन

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने जेएनयू अपने डिबेट और डिस्कशन के लिए जाना जाता है. रविवार को जो हुआ वह हम सभी के लिए पीड़ादायी था. पुलिस के बुलाने के बाद स्थिति नियंत्रण में आई. पुलिस जांच कर रही है कि नकाबपोश बाहर से आए थे या नहीं.

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वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार
वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार

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  • VC बोले- डिबेट और डिस्कशन के लिए जाना जाता है JNU
  • कौन थे नकाबपोश? पुलिस जांच में होगा खुलासा

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने जेएनयू अपने डिबेट और डिस्कशन के लिए जाना जाता है. रविवार को जो हुआ वह हम सभी के लिए पीड़ादायी था. पुलिस के बुलाने के बाद स्थिति नियंत्रण में आई. पुलिस जांच कर रही है कि नकाबपोश बाहर से आए थे या नहीं. तथ्य सामने आएंगे.

वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने कहा कि हमने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को रिपोर्ट दे दी है. पुलिस को हथियारों के बारे में जांच करने दें. हमारा प्राथमिक उद्देश्य सामान्य स्थिति को वापस लाना है. सर्वर शुरू हो गया है और स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.

आइशी घोष पर दर्ज किए गए दो मुकदमे

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जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया. चीफ सेक्युरिटी ऑफिसर ने पुलिस को शिकायत दी कि जेएनयू अध्यक्ष आइशी घोष और उसके अन्य 18 साथियों ने 4 जनवरी को दोपहर करीब 1 बजे महिला गार्ड के साथ धक्का-मुक्की की और अन्य गार्ड के साथ मारपीट और गाली गलौज किया.

चीफ सेक्युरिटी ऑफिसर ने ये भी आरोप लगाया कि आइशी घोष और उनके साथी जबरन सर्वर रूम में घुसना चाह रहे थे, जिसका विरोध सिक्युरिटी गार्ड ने किया जिसके ये लोग पीछा का शीशा तोड़कर सर्वर रूम में घुस गए, जिममें इन्होंने ऑप्टिक फाइबर केबल तोड़ दी और बायोमेट्रिक मशीन तोड़ दिया. इस मामले में आईसी घोष समेत 18 लोगों पर दो एफआईआर दर्ज की गई है.

जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची जेएनयू

दिल्ली के जेएनयू में 5 जनवरी को हुई हिंसा मामले की जांच करने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची है. जांच करने के लिए 3 टीमें बनाई गई हैं. सूत्रों का कहना है कि जेएनयू मारपीट मामले की शुरूआती जांच के मुताबिक, लेफ्ट और एबीवीपी के कार्यकर्ता ही हिंसा में शामिल थे. उन्होंने चेहरे ढक रखे थे. इसके अलावा बाहर से भी लोगों को बुलाया गया था. न लोगों की पहचान की जा रही है. इसके अलावा व्हाट्स एप चैट की पड़ताल हो रही है. इनमें जो लोग शामिल थे उनकी भी पहचान की जा रही है.

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