scorecardresearch
 

GST की जद में JNU, छात्रसंघ पदाधिकारियों की सदस्यता पर संकट!

जीएसटी की मार से अब तक कारोबारियों की परेशानियों पर चर्चा  होती रही है, लेकिन अब इसकी जद में चुनाव भी आ गया है. आरोप है कि जेएनयू छात्र संघ की ओर से जमा कराए गए बिल लिंगदोह कमिटी की सिफारिशों के अनुरूप नहीं थे.

Advertisement
X
जेएनयू छात्रसंघ पैनल के चारों सदस्य (फोटो- एन बालाजी ट्विटर)
जेएनयू छात्रसंघ पैनल के चारों सदस्य (फोटो- एन बालाजी ट्विटर)

Advertisement

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ (जेएनयूएसयू) को अधिकारियों ने सूचित किया है कि चुनाव प्रचार अभियान में जीएसटी नंबर वाले मूल बिल नहीं जमा करने पर उनके पदाधिकारियों का चुनाव रद्द हो सकता है. छात्र संघ को जारी किए गए एक पत्र में यह बात कही गई है.

विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि जमा किए गए बिल सही प्रारूप में नहीं थे. छात्र संघ के चुने गए पदाधिकारियों ने चुनाव प्रचार के दौरान किए गए खर्चों के प्रमाण 28 सितंबर को जमा कर दिए थे लेकिन डीन ऑफ स्टूडेंट्स (डीओएस) प्रोफेसर उमेश कदम की ओर से चार अक्टूबर को लिखे गए एक पत्र में इन पदाधिकारियों से मूल बिल जमा करने को कहा गया.

प्रोफेसर उमेश कदम की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया कि जेएनयू छात्र संघ की ओर से जमा किए गए बिल लिंगदोह कमिटी की सिफारिशों के अनुरूप नहीं थे जिसके मुताबिक, 'प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव परिणाम घोषित होने के दो हफ्ते के भीतर पूर्ण एवं लेखा परीक्षित खाते कॉलेज/ यूनिवर्सिटी अधिकारियों को सौंपने होंगे.'

Advertisement

बता दें कि 2018 के छात्रसंघ चुनाव में सेंट्रल पैनल की सभी चार सीटों पर लेफ्ट यूनिटी ने जीत दर्ज की थी. अध्यक्ष पद पर एन बालाजी, उपाध्यक्ष पद पर सारिका चौधरी, महासचिव पद एजाज अहमद, संयुक्त सचिव पद पर अमुथा जयदीप ने जीत दर्ज की थी.

Advertisement
Advertisement